उज्जैन जिले के डोंगला में भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित कार्यशाला संपन्न

उज्जैन, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि उज्जैन जिले के काल गणना केंद्र डोंगला का देश में एक विशिष्ठ स्थान है । डोंगला को विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित करने के साथ ही यहां स्थापित वेधशाला के समय-समय पर आधुनिकीकरण के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा । मुख्यमंत्री डोंगला में खगोलविज्ञान एंव भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे ।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में कहा कि उज्जैन के साथ-साथ डोंगला भी काल गणना का महत्वपूर्ण केंद्र है। डोंगला के विकास तथा आधुनिकीकरण के लिए समय-समय पर कार्य किया जाएगा। डोंगला की महत्ता सर्वविदीत है मध्य प्रदेश शासन वैज्ञानिक प्रबंधन तथा वैज्ञानिक शोध के लिए कटिबद्ध है हमारे प्राचीन भारतीय ज्ञान पर और अधिक रिसर्च को बढ़ावा दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर डोंगला में भारतीय ज्ञान परंपरा पर आयोजित कार्यशाला का आयोजन अत्यंत महत्वपूर्ण है अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस आयोजन के लिए मुख्यमंत्री डॉ यादव ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद भी दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्राचीन ज्ञान अत्यंत महत्वपूर्ण है आधुनिक विज्ञान के साथ प्राचीन भारतीय ज्ञान का समन्वय करते हुए आज के युग की समस्याओं के समाधान के लिए शासन द्वारा कार्य किया जाएगा। अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री ने उज्जैन के ऐतिहासिक महत्व ,महापुरुषों तथा नगरी की प्रतिष्ठा पर चर्चा करते हुए सिंहस्थ स्नान के परम आध्यात्मिक आनंद को भी वर्णित किया ।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ शिवकुमार शर्मा ने कहा कि डोंगला भारतीय काल गणना का महत्वपूर्ण केंद्र है भारतीय काल गणना में सूक्ष्म गणना को महत्व दिया गया है। डोंगला में प्राचीन भारतीय विरासत देखने को मिलती है जहां पर विज्ञान आधारित शुद्ध भारतीय ज्ञान है । वैज्ञानिक डॉ श्रीनिवासन ने अपने उद्बोधन में मध्य प्रदेश शासन द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना की। डॉ अरविंद रानाडे ने अपने उद्बोधन में कहां कि मुख्यमंत्री डॉ यादव द्वारा मध्य प्रदेश में विज्ञान के क्षेत्र में विकास के लिए सराहनीया कदम उठाए गए हैं मुख्यमंत्री डॉ यादव आमजन के साथ साथ वैज्ञानिक समुदाय में भी लोकप्रिय है राष्ट्रीय नव प्रवर्तन प्रतिष्ठान मध्य प्रदेश में नव प्रवर्तकों को आगे लाने के साथ ही नवाचार के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करेगा। इस अवसर पर मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजय दुबे ने कहा कि मध्य प्रदेश में एस्ट्रोनॉमी, एस्ट्रोफिजिक्स तथा स्पेसटेक्नोलॉजी के सामंजस्य पर कार्य किया जा रहा है उज्जैन तथा डोंगला काल गणना का केंद्र है। कार्यशाला में महाप्रबंधक आरआरएससी सेंट्रल इसरो भारत सरकार डॉ जी श्रीनिवासन तथा प्रोफेसर मूर्ति ने भी संबोधित किया ।

एमओयू साइन किया गया

इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ यादव की उपस्थिति में भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय के भारतीय ज्ञान परंपरा डिवीजन नई दिल्ली तथा मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के मध्य एमओयू साइन किया गया। जिसके अंतर्गत भारतीय ज्ञान परंपरा के प्रमाणीकरण दस्तावेजीकरण तथा मानकीकरण का कार्य किया जाएगा । इसके अलावा आगामी मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले राष्ट्रीय ड्रोन एवं रोबोटिक्स हैकाथॉन पोस्टर का विमोचन किया गया साथ ही आगामी जनवरी में भारतीय ज्ञान प्रणाली तथा एमपीपीसीएसटी द्वारा आयोजित की जाने वाली अंर्तराष्ट्रीय कान्फ्रेंस के पोस्टर का भी विमोचन किया गया।

इस अवसर पर जिले के प्रभारी मंत्री श्री गौतम टेटवाल, सांसद श्री अनिल फिरोजिया, श्री राजेश धाकड़, विधायक डॉ तेजबहादुर सिंह चौहान, विधायक श्री जितेन्द्र पंड्या, विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ शिव कुमार शर्मा राष्ट्रीय नव प्रवर्तन प्रतिष्ठान के निदेशक डॉ अरविंद रानाडे, राष्ट्रीय संयोजन भारतीय ज्ञान प्रणाली के राष्ट्रीय संयोजक प्रोफेसर जी.एस मुर्ती, डॉ सोरभ शर्मा, महानिदेशक मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद श्री अनिल कोठारी आदि उपस्थित थे ।

इस दौरान डॉ रमन सोंलकी, डॉ बृजेश पाण्डें, डॉ नरेंद्र नाथ पात्रा, डॉ गुंजन वर्मा भी कार्यशाला में सम्मिलित हुए । कार्यशाला का संचालन विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी परिषद के श्री तसलीम हबीब ने किया ।