कांग्रेस ने आपातकाल थोपकर की थी लोकतंत्र की हत्या – इंदरसिंह परमार

उज्जैन, कांग्रेस ने 25 जून 1975 को देश पर आपातकाल थोपकर लोकतंत्र व संविधान की हत्या की थी। यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे विवादास्पद व अलोकतांत्रिक कार्य था। इंदिरा गांधी ने न सिर्फ चुनाव स्थगित किए वरन आम जनता के मौलिक अधिकारों पर भी रोक लगा दी। इंदिरा गांधी के राजनीतिक विरोधियों को कैद कर लिया गया और प्रेस पर प्रतिबंध लगा दिया गया। स्वतंत्र भारत के इतिहास में अब तक कांग्रेस ने अनेक बार लोकतंत्र की हत्या की है।
यह बात उच्च शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार ने “25 जून 1975 लोकतंत्र का काला दिवस, कभी न भूलने वाला आपातकाल” संविधान हत्या दिवस आपातकाल के काले अध्याय के 50 वर्ष पर भाजपा कार्यालय लोकशक्ति भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही । उन्होंने कहा कि संविधान की कॉपी लेकर घूमने वालों ने ही सबसे ज्यादा संविधान की हत्या करने का काम किया है । संविधान का अपमान करने का काम कांग्रेस ने किया है ।

भाजपा मीडिया प्रभारी दिनेश जाटवा के अनुसार आपातकाल दिवस पर भाजपा कार्यालय पर पत्रकार वार्ता के पश्चात केंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर, उच्च शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा सहित जनप्रतिनिधियों ने प्रदर्शनी का शुभारंभ किया ।
इसके पश्चात भाजपा कार्यालय पर विरोध स्वरूप 50 काले गुब्बारे छोड़े गए । आपातकाल के विरोधस्वरूप भाजपा कार्यकर्ताओं ने काले वस्त्र पहने और विरोध दर्ज किया ।

*मीसाबंदियों लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान किया गया*

भाजपा द्वारा आपातकाल दिवस को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाया गया जिसके तहत लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान समारोह कार्यक्रम आस्था गार्डन में आयोजित किया गया । अतिथियों द्वारा लोकतंत्र सेनानीयों का शाल श्रीफल से सम्मानित कर उनके द्वारा आपातकाल के समय जो त्रासदी झेली गई थी उसे कार्यकर्ताओं को अवगत कराया । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता लोकतंत्र सेनानी श्री मेघराज जैन ने आपातकाल के समय को याद करते हुए कहा कि कांग्रेस के पापों को आज की पीढ़ी को बताने का समय है कैसे आपातकाल लगाकर लोकतंत्र की हत्या की गई । विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं नेताओं को जेल मैं बंदकर यातनाएं दी गई । हम सभी लोक तंत्र सेनानियों ने इन यातनाओं को भुगता है ।

*आज नासूर बन चुकी है कांग्रेस – सावित्री ठाकुर*

केंद्रीय मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर ने संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान परिदृष्य पर कहा आज कांग्रेस देश की एकता, अखंडता व सांप्रदायिक सद्भाव के लिए नासूर बन चुकी है। भारत के संविधान से उसे कोई लेना-देना नहीं है। उनका लक्ष्य केवल सत्ता प्राप्ति है। जिसके लिए कांग्रेस देश में नित-नए विवाद खड़े कर रही है। ऐसी कांग्रेस को समाप्त करने के लिए देश के युवाओं को आगे आना होगा।

*इंदिरा गांधी ने नो वकील, नो अपील, नो दलील का रवैया अपनाया। आपातकाल में अत्याचार की पराकाष्ठा की – इंदरसिंह परमार*

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार ने कहा 1971 में समाजवादी नेता राजनारायण रायबरेली से इंदिरा गांधी के सामने लोकसभा चुनाव हार गए थे। इस पर राजनारायण ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में इंदिरा गांधी के निर्वाचन को चुनौती देते हुए चुनाव में बड़े पैमाने पर सरकारी मिशनरी के दुरूपयोग, तय सीमा से अधिक पैसे खर्च करने व मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए गलत तरीकों का उपयोग करने के आरोप लगाए थे। 12 जून 1975 को उच्च अदालत ने आरोपों को सही ठहराते हुए अपने फैसले में इंदिरा गांधी के निर्वाचन को अवैध घोषित कर उन्हें छह वर्ष के लिए चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित किया था। इंदिरा गांधी ने कोर्ट के आदेश को मानने से इंकार कर दिया। मनमानी करते हुए आधी रात को तत्कालीन राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद से अध्यादेश पारित करवाकर देश में आपातकाल लगा दिया। तत्पश्चात कांग्रेस सरकार ने सरकार विरोधियों को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। पूरे भारत में एक लाख चालीस हजार लोगों को सामाजिक, राजनीतिक कार्यकर्ता व नेताओं को झूठे आरोपों में जेल में ठूंस दिया गया। आपातकाल में गिरफ्तारी पर कोर्ट नहीं जा सकते थे। इंदिरा गांधी ने नो वकील, नो अपील, नो दलील का रवैया अपनाया। आपातकाल में अत्याचार की पराकाष्ठा होने लगी। जेल में अनेक प्रकार के अत्याचार किए गए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, जनसंघ सहित अनेक संगठनों ने आपातकाल विरोधी आंदोलन किए। हजारों स्वयंसेवकों ने प्रतिबंध के खिलाफ और मौलिक अधिकारों के हनन के खिलाफ सत्याग्रह में भाग लिया। अंततः 21 महीने की अवधि पश्चात 21 मार्च 1977 को आपातकाल समाप्त हुआ।

कार्यक्रम को भाजपा नगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, महापौर मुकेश टटवाल, निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव, वीरेंद्र कावड़िया, पारस जैन, रूप पमनानी, इकबालसिंह गांधी, राजेंद्र भारती, जगदीश पंचाल, मुकेश यादव, आनंदसिंह खींची, रवि सोलंकी, दिनेश जाटवा, राकेश पंड्या, अनिल शिंदे, ऋषि वर्मा, प्रमिला यादव, सोनल जोशी, प्रियंका सेंगर, घनश्याम राठौर सहित कार्यकर्ता पदाधिकारी उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम प्रभारी योगेश सांगते ने किया । आभार मनोज मालवीय ने माना।