उज्जैन, भारतीय रेलवे के कार्य, मशीनरी एवं रोलिंग स्टॉक कार्यक्रम 2024–25 के अंतर्गत सिगनलिंग प्रणाली के सुदृढ़ीकरण हेतु एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लेते हुए पश्चिम रेलवे के अंतर्गत “नागदा–भोपाल एवं उज्जैन–इंदौर खंड में स्वचालित ब्लॉक सिगनलिंग तथा 10 स्टेशनों पर पैनल इंटरलॉकिंग से इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग” के कार्य को माननीय केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव द्वारा ₹488.47 करोड़ की लागत से स्वीकृति प्रदान की गई है।
यह कार्य “सिगनलिंग के सुरक्षा एवं प्रतिस्थापन कार्य (अम्ब्रेला कार्य 2024–25)” के तहत स्वीकृत ₹5712 करोड़ की परियोजना का हिस्सा है। पश्चिम रेलवे के लिए ₹650 करोड़ के सब-अम्ब्रेला कार्य के अंतर्गत यह प्रथम मदवार कार्य है जिसे स्वीकृति दी गई है।
प्रमुख कार्यों का विवरण:
स्वचालित ब्लॉक सिगनलिंग की व्यवस्था:
नागदा–भोपाल खंड : 27 स्टेशन (228.14 किलोमीटर)
उज्जैन–इंदौर खंड : 8 स्टेशन (79.23 किलोमीटर)
कुल लम्बाई – 307.37 किमी
10 स्टेशनों पर पैनल इंटरलॉकिंग को इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदला जाएगा।
इस परियोजना की प्रमुख विशेषताएं एवं लाभ:
नागदा-भोपाल एवं उज्जैन-इंदौर डी स्पेशल रूट पर आते हैं, जिन्हें 130 किमी/घंटा गति के लिए तैयार किया जा रहा है।
मुंबई सेंट्रल से वडोदरा तक पहले से स्वचालित सिगनलिंग व्यवस्था कार्यरत है, वडोदरा–नागदा खंड में कार्य स्वीकृत है तथा प्रगति पर है। अब नागदा से आगे यह तकनीकी अपग्रेडेशन आगे बढ़ाया जा रहा है।
संचालन में दक्षता, समयबद्धता एवं विश्वसनीयता में वृद्धि होगी।
वर्तमान में नागदा–भोपाल खंड की लाइन क्षमता उपयोगिता 98% तथा उज्जैन–इंदौर खंड की 101% है, जिससे इसकी तात्कालिक आवश्यकता सिद्ध होती है।
रतलाम मंडल के लिए स्वीकृत यह परियोजना रेलवे के आधुनिकीकरण, सुरक्षा एवं सतत संचालन की दिशा में एक बड़ा कदम है।