उज्जैन में एसडीआरएफ टीम के 5 जवानों ने बचाई 120 ज़िंदगियाँ, पुलिस अधीक्षक ने किया सम्मानित

उज्जैन,“जन-जन की सुरक्षा, हमारी प्राथमिकता” के मंत्र को साकार करते हुए उज्जैन पुलिस ने आज एक ऐतिहासिक पहल की। पुलिस अधीक्षक उज्जैन श्री प्रदीप शर्मा ने पुलिस कंट्रोल रूम पर होम गार्ड की एसडीआरएफ (State Disaster Response Force) टीम के 5 वीर जवानों को सम्मानित किया, जिन्होंने पिछले एक वर्ष में डूबते हुए 120 लोगों की जान बचाई।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक उज्जैन ने कहा कि – “इन जवानों ने अपनी जान की परवाह किए बिना समाज की रक्षा की है। यह कार्य केवल कर्तव्य नहीं बल्कि मानवीय संवेदना और साहस का प्रेरणादायी उदाहरण है।”
पुलिस अधीक्षक उज्जैन ने इन पांचों जवानों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया और उनके नाम जीवन रक्षा पदक हेतु शासन को प्रस्तावित किए।
सम्मानित जवान एवं उनकी उपलब्धियाँ :
• सैनिक 15 विजेंद्र सिंह – 35 लोगों को डूबने से बचाया।
• सैनिक 102 धर्मेंद्र – 26 लोगों को बचाया।
• सैनिक 1211 विजयपाल सिंह – 19 लोगों को बचाया।
• सैनिक 106 देवेंद्र झाल – 15 लोगों को बचाया।
• सैनिक 1218 शुभम रायकवार – 25 लोगों को शिप्रा नदी में डूबने से बचाया।
*🔹उज्जैन पुलिस की नवाचारी पहल:*
यह पहली बार है जब जिला स्तर पर पुलिस अधीक्षक ने एसडीआरएफ जवानों के साहसिक कार्य को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाने का प्रयास किया है।
जीवन रक्षा पदक हेतु प्रस्तावित कर पुलिस अधीक्षक ने इन वीर जवानों को न सिर्फ सम्मानित किया बल्कि पूरे देश की पुलिस और आपदा प्रबंधन बलों के लिए एक नई परंपरा और प्रेरणा स्थापित की।
इस कदम ने यह संदेश दिया है कि उज्जैन पुलिस केवल कानून-व्यवस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज सेवा और जीवन रक्षा में भी अग्रणी भूमिका निभा रही है।

उज्जैन पुलिस की यह पहल पूरे देश में अनुकरणीय है। डूबते हुए लोगों को बचाने जैसे साहसिक कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाने का प्रयास यह दर्शाता है कि भारत की पुलिस अब केवल कानून लागू करने वाली संस्था नहीं बल्कि समाज की सच्ची प्रहरी और जीवन रक्षक भी है।
उज्जैन पुलिस ने इन जवानों की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्य समाज सेवा का अद्वितीय उदाहरण है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।