उज्जैन, मंगलवार को अपर कलेक्टर श्री शाश्वत शर्मा के द्वारा प्रशासनिक संकुल भवन के द्वितीय स्थल स्थित सभा कक्ष में विभिन्न मामलों में जनसुनवाई करते हुए प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण करने के निर्देश अधीनस्थ अधिकारियों को दिए गए।
तराना तहसील के ग्राम कायथा निवासी देवीलाल पांडे ने आवेदन दिया कि गांव में स्थित उनके कुलदेवता के मंदिर के सामने के मार्ग पर गांव के कुछ लोगों के द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है, जिस वजह से उन्हें मंदिर में आवागमन में बहुत परेशानी हो रही है। अतः शीघ्र अतिशीघ्र वहां से अतिक्रमण हटाया जाए। इस पर तहसीलदार तराना को मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
ग्राम कलेसर तहसील घट्टिया निवासी गजराज सिंह ने आवेदन दिया कि उनकी पैतृक जमीन के बंटवारे के दौरान पटवारी द्वारा जमीन के ड्रोन के माध्यम से किए गए सर्वे में लापरवाही बरती गई है, जिस वजह से उनके हिस्से की जमीन उनके भाई के हिस्से में दर्शायी गई है। इस पर एसडीएम घट्टिया को मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए ।
शहर के वेद नगर बालाजी आर्केड अपार्टमेंट के समस्त रहवासियों ने आवेदन देकर शिकायत की कि अपार्टमेंट में लगाए गए मोबाइल टावर की वजह से बिल्डिंग पर बहुत नुकसान पहुंच रहा है, वहां पर जगह-जगह दरारें आ गई हैं । इस वजह से फ्लेट्स में पानी का जगह-जगह से लीकेज भी हो रहा है, स्थानीय रहवासियों को इस वजह से बहुत परेशानी हो रही है । इस पर एसडीएम कोठी महल को पूरे मामले का परीक्षण कर शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
महिदपुर तहसील के ग्राम दुबली निवासी श्रीमती सुमित्रा बाई ने आवेदन दिया कि उनके द्वारा क्रय की गई कृषि भूमि का आज दिनांक तक पटवारी के द्वारा नामांतरण नहीं किया गया है। इस पर एसडीओ महिदपुर को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
ग्राम अटलावदा तहसील नागदा निवासी भगवान सिंह ने आवेदन दिया कि गत दिनों हुई अति वृष्टि के कारण उनके दो मवेशी चंबल नदी में बहकर चले गए हैं ,अतः उन्हें आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए। इस पर एसडीएम नागदा को मामले की जांच कर नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए ।
ग्राम हमीरखेडी तहसील उज्जैन निवासी संतोष ने आवेदन दिया कि उनके स्वामित्व के मकान से उन्हें और उनकी पत्नी को उनके बेटों के द्वारा निकाल दिया गया है तथा उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया है। इस वजह से उन दोनों के ऊपर आर्थिक संकट और भरण पोषण का संकट आ गया है। आवेदक की आय का अन्य कोई साधन नहीं है और स्वयं के मकान से निकाले जाने के बाद उनका कोई आश्रय नहीं है। इस पर एसडीएम उज्जैन ग्रामीण को मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
इसी प्रकार अन्य अधिकारियों के द्वारा विभिन्न मामलों में जनसुनवाई की गई।