राजसी ठाट-बाट से निकाली गई विजया दशमी पर्व पर भगवान श्री महाकाल की सवारी

उज्जैन,प्रतिवर्ष परंपरा के अनुसार इस वर्ष भी विजयादशमी पर्व (दशहरा) बड़े उत्साह एवं श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर सायं 4 बजे भगवान श्री महाकाल की सवारी राजसी ठाट-बाट के साथ निकाली गई।

सवारी के पूर्व सभा मंडप में कलेक्टर एवं समिति अध्यक्ष श्री रोशन कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री प्रदीप शर्मा, मंदिर प्रशासक श्री प्रथम कौशिक तथा मंदिर के पुजारी व पुरोहितों ने भगवान श्री मनमहेश जी का पूजन कर पालकी को नगर भ्रमण हेतु रवाना किया।

मुख्य द्वार पर पहुँचने पर मध्यप्रदेश सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने पालकी में विराजित भगवान श्री मनमहेश को सलामी दी। मार्ग में दोनों ओर खड़े श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन लाभ प्राप्त किए। घुड़सवार दल पहली बार सवारी में शामिल हुआ।

वर्ष में एक बार नए शहर में भ्रमण हेतु निकलने वाली यह सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर से प्रारंभ होकर पटनी बाजार, गोपाल मंदिर, छोटा सराफा, सतीगेट, कंठाल, नई सड़क, दौलतगंज, मालीपुरा, देवास गेट, चामुंडा माता चौराहा, फ्रीगंज ओवरब्रिज, टॉवर, शहीद पार्क एवं माधव नगर चिकित्सालय के सामने पुलिस कंट्रोल रूम से होती हुई दशहरा मैदान पहुँची।

चामुंडा माता चौराहा पर माननीय मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव के परिवारजनों द्वारा पुष्पवर्षा कर भगवान श्री मनमहेश का स्वागत किया गया। दशहरा मैदान पर कलेक्टर श्री रोशन कुमार सिंह एवं पुलिस अधीक्षक श्री प्रदीप शर्मा ने पूजन कर पालकी का स्वागत किया। सवारी मार्ग में श्रद्धालुओं द्वारा पुष्पवर्षा, रंगोली सजावट एवं स्वागत द्वारों से भगवान की पालकी का अभिनंदन किया गया।

दशहरा मैदान पर कलेक्टर एवं अध्यक्ष श्री रोशन कुमार सिंह द्वारा रजत पालकी में विराजमान भगवान श्री मनमहेश एवं शमी वृक्ष का पूजन किया गया।

सवारी की वापसी यात्रा
पूजन उपरांत पालकी दशहरा मैदान से रवाना होकर गंगा होटल मार्ग, देवास रोड, तीन बत्ती चौराहा, माधव क्लब रोड, धन्नालाल की चाल, लोक निर्माण विभाग कार्यालय, फ्रीगंज ओवरब्रिज, संख्याराजे धर्मशाला, देवासगेट, मालीपुरा, दौलतगंज चौराहा, इंदौर गेट, गदापुलिया, हरिफाटक ब्रिज, बेगमबाग एवं कोट मोहल्ला होते हुए पुनः श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुँची।

भगवान श्री महाकालेश्वर की पालकी निर्धारित मार्ग से अग्रसर थी। इस दौरान घुड़सवार दल एवं उद्घोषक वाहन देवास गेट से इंदौर गेट की तरफ आगे निकल गए, जिन्हें शीघ्रता से पुनः निर्धारित पथ पर लौटा दिया गया।घुड़सवार दल पहली बार सवारी में शामिल हुआ। इसके उपरांत पालकी अपने नियत मार्ग से होती हुई श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुँची, जहाँ विधिवत पूजा-अर्चना के साथ सवारी का समापन हुआ।

सवारी में आयुक्त श्री अभिलाष मिश्रा, जिला पंचायत सीईओ श्री श्रेयांस कुमट, उप प्रशासक श्री एस.एन. सोनी एवं श्रीमती सिम्मी यादव, सहायक प्रशासक श्री आशीष फलवाड़िया, श्री हिमांशु कारपेंटर, श्री मूलचंद जूनवाल, श्री प्रतीक द्विवेदी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री आर.के. तिवारी एवं श्री आर.पी. गहलोत सहित मंदिर के पुजारी-पुजारीजन, नगर के गणमान्यजन, भारत स्काउट-गाइड दल, कांग्रेस सेवा दल एवं सशस्त्र पुलिस बल की टुकड़ियाँ सम्मिलित हुईं।

मंदिर गर्भगृह में श्रद्धालुओं को भगवान श्री महाकालेश्वर के श्री होल्कर मुखारविंद के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

*आगामी सवारियाँ*
कार्तिक एवं अगहन (मार्गशीर्ष) माह में भगवान श्री महाकालेश्वर की परंपरागत सवारियाँ निम्नानुसार निकाली जाएँगी–

प्रथम सवारी : सोमवार, 27 अक्टूबर 2025

द्वितीय सवारी : सोमवार, 03 नवम्बर 2025

तृतीय सवारी : सोमवार, 10 नवम्बर 2025

शाही सवारी : सोमवार, 17 नवम्बर 2025

साथ ही हरिहर मिलन की सवारी सोमवार, 03 नवम्बर 2025 को निकाली जाएगी।