नागदा स्थित मेडिकल स्टोर्स पर नशे के रूप में दुरूपयोग किये जाने वाले इंजेक्शन के संबंध में की गई कार्यवाही

उज्जैन,कलेक्टर श्री रौशन कुमार सिंह के निर्देशन में नशे के रूप में दुरूपयोग होने वाले इंजेक्शन के विक्रय के संबंध में औषधि निरीक्षकों के दल द्वारा नागदा स्थित धनोतिया मेडिकल एजेंसी पर निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान मेडिकल स्टोर के मालिक श्री गोविन्द धनोतिया की मौजूदगी में नशे के रूप में दुरूपयोग होने वाले फिनिरमिन इंजेक्शन के स्टॉक की जांच की गई जांच के दौरान 30 मि.ली. की कुल 60 वायल स्टॉक में पाये गये, दस्तावेजों की जांच करने पर पाया गया कि धनोतिया मेडिकल एजेंसी के संचालक द्वारा विगत 06 माह में कुल 400 इंजेक्शन खरीदे गये थे। शेष 340 इंजेक्शन स्टॉक में नहीं पाये गये और दुकान संचालक द्वारा 340 इंजेक्शन के विक्रय बिल भी प्रस्तुत नहीं किये गये। निरीक्षण के दौरान दुकान में औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 नियमावली 1945 के तहत अन्य अनियमितताएँ भी पाई गई। इसके अतिरिक्त प्राप्त सूचना के आधार पर लोट्स फार्मा की भी जांच की गई। जांच के दौरान फिनिरमिन इंजेक्शन की 30 मि.ली. एक वायल स्टॉक में पाई गई जिसके क्रय-विक्रय बिल दुकान के संचालक द्वारा प्रस्तुत नहीं किये जा सके। साथ ही संदेह के आधार पर श्री श्याम मेडिकल स्टोर की भी जांच करने के लिए औषधि निरीक्षक पहुँचे, परन्तु मौके पर पाया गया कि मेडिकल स्टोर संचालक द्वारा मेडिकल स्टोर व्यवसाय बंद कर दिया गया है तथा मौके पर अन्य दुकान संचालित पाई गई, जिसका पंचनामा बनाया गया। धनोतिया मेडिकल एजेंसी पर पूर्व में भी नियमों का पालन न करने के कारण कार्यवाही की जा चुकी है। औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 नियमावली 1945 के तहत निरीक्षण के दौरान पाई गई अनियमितताओं के आधार पर मेडिकल स्टोर संचालको को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये जा रहे है। मेडिकल स्टोर संचालकों के विरूद्ध औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जावेगी।