उज्जैन,अखिल भारतीय सफ़ाई मजदूर कांग्रेस ट्रेड यूनियन के पदाधिकारीयो राजेश बेनीवाल, जयप्रकाश चांगरे, उमेश झा, कमल भाटी, राजू सांगते, कमल सिंह मेहरोतिया, रूपेश कल्याणने, विजय सांगते, आनन्द भैरवे ने पत्रकार वार्ता में बताया की,
मध्यप्रदेश के समस्त सफाई कर्मचारीयो की माँगो को लेकर मध्यप्रदेश के वाल्मीकि समाज के विभिन्न संगठन एवं सफाई कर्मचारी युनियनों के पदाधिकारीयों द्वारा समय-समय पर सरकार एवं प्रशासन शासन को माँग पत्रो के माध्यम से तथा आंदोलनो के माध्यम से माँगो के निराकरण हेतु सुचना चर्चा एवं प्रदर्शन करने के बाद भी कोई निराकरण नहीं किया जा रहा है। इसलिये पुनः मध्यप्रदेश के समस्त वाल्मीकि समाज के संगठनो सफाई कर्मचारी युनियनो के पदाधिकारीयो द्वारा सयुक्त रूप से दिनांक 31 अगस्त 2025 रविवार को उज्जैन में स्थित झालरिया मठ सभागृह में मध्यप्रदेश के सफाईदारो के ज्वलंत समस्याओ को लेकर वाल्मीकि संसद का आयोजन हुआ, जिसमे संयुक्त प्रस्ताव अनुसार मध्यप्रदेश के सफाईदारो की माँगो को पुनः आपके समक्ष निम्नानुसार रखी जा रही है। यह है कि-
1. मध्यप्रदेश के नगरीय निकायो एवं अन्य संस्थाओ में कार्यरत विनियमित सफाई कामगारो को नियमित किया जावे।
2. यह है कि मध्यप्रदेश के समस्त सफाई कर्मचारीयो के पदो को आरक्षण मुक्त रखते हुए सफाई कामगार वाल्मीकि समाज के वर्ग को शत-प्रतिशत रिक्त सफाई पदो पर नियुक्ति किया जावे।
3. यह है कि मध्यप्रदेश के सफाई कामगार को मेडिकल के आधार पर स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति दिये जाने पर उसके आश्रित परिवार के सदस्य को (जिसे वह चाहे) नियुक्ति दि जावे।
4. यह है कि सेवानिवृत्ति पश्चात परिवार के आश्रित किसी एक सदस्य को पुर्व आदेशानुसार नियुक्ति दि जा रही थी। जो वर्तमान मे पुर्णतः बंद है पुनः उक्त आदेश को लागु किया जावे।
5. यह है कि मध्यप्रदेश मे आउटसोर्स (ठेकेदारी प्रथा) के तहत नगरीय निकायो मे सफाई का कार्य निकायो द्वारा कराया जा रहा है जिसके कारण सफाई कर्मचारी वाल्मीकि समाज सफाई कर्मचारी वर्ग को आर्थिक मानसिक एवं शारीरीक परेशानीयो का सामना करना पड रहा है। ऐसे कार्यरत सफाई कामगारो को अन्य कर्मचारीयो की तरह (मस्टरकर्मी) मानते हुए स्थायीकरण किया जावे।
6. यह है कि मध्यप्रदेश के कई निकायो मे सफाई का कार्य 24 दिवस अथवा 29 दिवस पर कराया जाता है और सफाई कामगार लम्बे समय तक उक्त दिवस की स्वीकृति पर कार्य करते है। जिससे प्रशासनीक व स्थानीय स्तर पर सफाई कामगारो का शोषण किया जा रहा है। जो कि श्रमिक अधिनियमो के तहत अनुचित है ऐसे कार्यरत सफाई कामगारो को अन्य कर्मचारीयो की तरह (मस्टरकर्मी) मानते हुए स्थायीकरण किया जावे।
7. यह है कि मध्यप्रदेश नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग द्वारा वर्ष 2024 से सेटअप लागु किया गया है। उसमे कॉफी विसंगतिया होने से सफाई कामगार वर्ग व चतुर्थ श्रेणी वर्ग का अधिक नुकसान हो रहा है। इस नीतिगत तरीके से निम्न वर्ग का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। जो कि अनुचित है। उसे निरस्त किया जावे।
8. यह है कि मध्यप्रदेश मे कार्यरत सफाई कर्मचारीयो वाल्मीकि समाज को मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल अपने सरकारी अथवा अन्य आवश्यक कार्यों हेतु भोपाल आना होता है एवं ठहरना पड जाये तो काफी समस्या आती है। इसलिये भोपाल राजधानी मे मध्यप्रदेश वाल्मीकि भवन बनाकर दिया जावे।
9. यह है कि मध्यप्रदेश मे 01 नवम्बर 2025 से फैस स्केनर उपस्थिति ( आधार बैस आईडी) सिस्टम लागु किया गया है जिस कारण महिला सफाई कर्मचारीयो को बहुत समस्या उत्पन्न हो रही है। क्योकि जो सफाई कर्मचारी जिस वार्ड मे कार्यरत है। उसी स्थान पर ( क्षेत्र मे ) उक्त सिस्टम प्रणाली लगाई नहीं गई है। समस्त कर्मचारीयो को 03-04 किलोमीटर दुर उपस्थिति दर्ज कराने जाना पडता है तथा वहाँ पर उक्त सिस्टम मे कॉफी समय उपस्थिति अंकित करने मे लगता है। जिस कारण सफाई कार्य स्थल पर पहुँचने मे विलंब होने से सफाई कार्य प्रभावित हो रहा है।
अतः उक्त उपस्थिति व्यवस्था मे पूर्व की भाँति वार्ड दरोगा व स्वच्छता निरीक्षण द्वारा दी जाने वाली उपस्थिति व्यवस्था को पुनः लागु किये जाने की कृपा करे।
आपसे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि उपरोक्त वर्णित माँगो पर निर्णय लेकर अतिशीघ्र आदेश प्रदान करेगे।
