उज्जैन, श्री महाकालेश्वर मंदिर से भगवान श्री महाकालेश्वर की मार्गशीर्ष माह की पहली व कार्तिक-मार्गशीर्ष (अगहन) माह की तीसरी सवारी सोमवार 10 नवम्बर 2025 को सायं 04 बजे निकली। श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन कर भक्त आनंदित व स्वयं को भाग्यशाली मान रहे थे । सवारी के दौरान अवंतिका पुरी शिवमय हो गई ।
सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर स्थित सभामंडप में मुख्य पुजारी पं.घनश्याम शर्मा द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर के श्री चन्द्रमौलीश्वर स्वरूप का विधिवत पूजन-अर्चन किया गया। पूजन-अर्चन के दौरान मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री रोशन कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री प्रदीप शर्मा, प्रशासक श्री प्रथम कौशिक आदि उपस्थित थे।

पूजन उपरांत भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर जी रजत पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलें। सवारी में आगे तोपची, कडाबीन, श्री महाकालेश्वर बैण्ड, पुलिस बैण्ड घुडसवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान नगर वासियों को बाबा के आगमन की सूचना देते चल रहे थे। पालकी को मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा भगवान को सलामी (गॉड ऑफ ऑनर) दी गई । जिसके उपरांत सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर से महाकाल चोराहा, गुदरी चोराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होते हुए रामघाट पहुँची। रामघाट पर माँ क्षिप्रा के जल से भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर जी के पूजन तत्पश्चात आरती की गई ।

आरती उपरांत सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चोक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चोराहा, छत्री चोक , गोपाल मंदिर पहुँची। गोपाल मंदिर पर पालकी में विराजमान श्री चंद्रमोलीश्वर भगवान के परम्परागत पूजन उपरांत सवारी पटनी बाजार, गुदरी बाजार, होते हुए पुनः श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुची। जहाँ श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में पुनः पूजन-आरती उपरांत सवारी का विश्राम हुवा ।
*मार्गशीर्ष माह (अगहन) की दूसरी व अंतिम सवारी (राजसी) सवारी के रूप में 17 नवम्बर 2025 को निकाली जावेगी।
