सेवरखेड़ी, सिलारखेड़ी परियोजना के प्रभावित कृषकों ने की मुआवजे का विशेष पैकेज देने की माँग

उज्जैन, प्रेस क्लब पर आयोजित पत्रकार वार्ता में जानकारी देते हुए सेवरखेड़ी, सिलारखेड़ी परियोजना के प्रभावित किसानों ने बताया कि उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ में शिप्रा को प्रवाहमान रखने एवं उज्जैन एवं विक्रम उद्योगपुरी में जलप्रदाय हेतु बनाई गई है। इस परियोजना से 13 ग्राम के कृषक प्रभावित हो रहे हैं।

शासन की इस योजना में कृषक शासन को पूर्ण रूप से सहयोग कर रहे हैं एवं अधिग्रहण के पूर्व ही कल्याणपुरा ग्राम के कृषकों द्वारा अपनी जमीन पर शासन को निर्माण शुरू करवा दिया गया है एवं लगभग 40 प्रतिशत डेम का कार्य पूर्णता की ओर है जो कि पूर्णतः किसानों के सहयोग से हो रहा है।

प्रभावित ग्रामों में विगत 10 वर्षों से रजिस्ट्री की गाईडलाईन नहीं बढ़ाई गई है एवं मुख्य रूप से प्रभावित ग्राम सिलारखेड़ी में तो कुछ वर्ष पूर्व गाईडलाईन कम कर दी गई थी। वर्तमान में इन ग्रामों की जमीन का बाजार मूल्य लगभग 50 से 60 लाख रूपये प्रति बीघा व कई जगहों पर इससे भी अधिक है, जबकि शासन सिर्फ 09 लाख रूपया प्रति बीघा का मुआवजा देने की बात करता है।

प्रभावित ग्रामों के कृषकों द्वारा माननीय मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव जी, जल संसाधन मंत्री माननीय श्री तुलसी सिलावट जी, क्षेत्रीय विधायक माननीय श्री सतीश मालवीय जी, उज्जैन के संभागायुक्त महोदय एवं जिलाधीश महोदय को विधिवत् ज्ञापन देकर अनुरोध किया है कि जिस प्रकार से विक्रम उद्योगपुरी के कृषकों को माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा विशेष पैकेज देकर मदद की गई है, उसी प्रकार इस परियोजना के प्रभावित कृषकों को भी विशेष पैकेज देकर मदद करें ताकि वे पुनः जमीन खरीद सकें। इस परियोजना में प्रभावित कई कृषक पूर्णतः भूमिहीन हो गये हैं। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि कड़छा ग्राम पंचायत के तीन ग्रामों में से दो की जमीन विक्रम उद्योगपुरी में अधिग्रहीत की गई है एवं उन्हें विशेष मुख्यमंत्री जी का पैकेज दिया गया है व इसी पंचायत के ग्राम सिलारखेड़ी को एवं इस संपूर्ण परियोजना के कृषकों को विशेष पैकेज देने की अभी तक विधिवत् घोषणा नहीं की गई है सिर्फ मौखिक रूप से आश्वासन दिया गया है।

माननीय मुख्यमंत्रीजी श्री मोहन यादव जी जल संसाधन मंत्री माननीय श्री तुलसी सिलावट जी एवं क्षेत्रीय विधायक माननीय श्री सतीश मालवीय जी को ज्ञापन देने पर सभी ने मौखिक आश्वासन दिया है कि हम कृषकों का नुकसान नहीं होने देंगे व आपका ध्यान रखेंगे व हम आपके साथ हैं, परन्तु दो माह व्यतीत हो जाने पर भी अभी तक किसी प्रकार की विधिवत् घोषणा नहीं की गई है।

शासन द्वारा 15 दिवस पूर्व धारा 21 के नोटिस भेजे गए हैं व इसके बाद शासन जमीन का अधिग्रहण कर लेगा, इस प्रकार विधिवत् घोषणा के अभाव में किसान असमंजस की स्थिति में है व शासन अधिग्रहण की अपनी कार्यवाही निरन्तर जारी रखे हुए है।

कृषकों द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि शासन या तो स्पष्ट रूप से पैकेज की विधिवत् घोषणा करें अन्यथा 3 दिन बाद कृषकों की जमीन पर शासन द्वारा जो निर्माण कार्य करवाया जा रहा है उसे बंद करवा दिया जायेगा।

शासन से समस्त कृषक विनम्र अपील करते हैं कि इस परियोजना के प्रभावित कृषकों को विशेष पैकेज की विधिवत् घोषणा कर शासन कृषकों के हित में है व कृषकों का किसी प्रकार का नुकसान नहीं चाहता है अपनी मंशा स्पष्ट करें।