प्रगट भए गुरु तेग बहादुर के मंचन से मंत्रमुग्ध हुए श्रोता

उज्जैन । अमृत महोत्सव के तहत पंजाबी साहित्य अकादमी संस्कृति परिषद द्वारा श्री गुरु तेग बहादुर के पावन 400वे प्रकाश पर्व को समर्पित कार्यक्रम कालिदास अकादमी में आयोजित किया गया। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव, सांसद श्री अनिल फिरोजिया, मध्य प्रदेश केंद्रीय श्री गुरु सिंह सभा के महासचिव सुरेंद्र सिंह अरोरा, वरिष्ठ समाजसेवी इकबाल सिंह गांधी आदि उपस्थित थे।

कालिदास संकुल ‘बोले सो निहाल सत् श्री अकाल’ के जयकारों से उस समय गूंज उठा जब मंच पर नाटक ‘प्रगट भए गुरु तेग बहादुर’ का मंचन हुआ। पटियाला की संस्था ‘रंगमंच’ की यह प्रस्तुति ध्वनि एवं प्रकाश पर आधारित थी, जिसका कुशल निर्देशन हरविंदर सिंह सेठी का था। ध्वनि एव प्रकाश नाट्य मंचन में गुरुदेव के जीवन की प्रमुख घटनाओं को प्रभावशाली दृश्यों और संवादों के माध्यम से पात्रों द्वारा प्रस्तुत किया गया। गुरु तेग बहादुर के 400वे प्रकाश पर्व को समर्पित देश और धर्म संस्कृति के रक्षक गुरु तेग बहादुर के जीवन के बारे में इस प्रस्तुति को दर्शक आरंभ से अंत तक मंत्रमुग्ध होकर देखते रहे।

प्रारंभ में पंजाबी साहित्य अकादमी की निदेशक नीरू सिंह ज्ञानी ने अतिथियों का पुष्प गुच्छ, स्मृति चिन्ह और गुरबाणी साहित्य भेंट कर स्वागत किया और स्वागत भाषण दिया।

कार्यक्रम का आरंभ राज सचदेवा एवं दल ने गुरुदेव द्वारा रचित गुरुबाणी शबदों का गायन से की गई। विशिष्ट वक्ता बीबी अमृतकौर ने गुरुदेव की वाणी को वैराग्य और जीवन दर्शन की वाणी बताया। मुख्य वक्ता डॉ.पिलकेन्द्र अरोरा ने गुरुदेव के जीवन की प्रमुख घटनाओं का वर्णन किया और उन्हें त्याग व बलिदान की प्रतिमूर्ति बताते हुए कहा कि धर्म की रक्षा हेतु गुरुदेव का आत्म बलिदान विश्व इतिहास की एकमात्र घटना है।

कार्यक्रम में गुरुद्वारा अध्यक्ष गुरदीप सिंह जुनेजा चरणजीत सिंह कालरा, पुरुषोत्तम सिंह चावला, बलदेव सिंह बिग, सरबजीत सिंह कालरा सहित कई प्रबुद्धजन उपस्थित थे। इस अवसर पर लगभग 400 पोस्टकार्ड पर लिख कर चार साहिब जादों की स्मृति में वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा पर प्रधानमंत्री का आभार ज्ञापित किया गया। संचालन रतनजीत सिंह शैरी (इंदौर) व डा.अरोरा ने किया।