उज्जैन । किसानों की सुविधा एवं उपार्जन में बिचौलियों को समाप्त करने के उद्देश्य से सरकार ने रबी विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिये किसान पंजीयन, उपार्जन एवं भुगतान की नवीन व्यवस्था की है। किसान पंजीयन एवं उपार्जन हेतु नवीन निर्देशों के अनुरूप कार्यवाही कराई जाये। किसान अपने आधार नम्बर को अपने सम्बन्धित बैंक शाखा में जाकर खाते से लिंक कर अपडेट करायें। किसानों को समर्थन मूल्य का भुगतान उनके आधार लिंक बैंक खाते में किया जायेगा।
किसान की पहचान के लिये बायोमैट्रिक सत्यापन के आधार पर पंजीयन होगा
जिला आपूर्ति नियंत्रक श्री एमएल मारू ने यह जानकारी देते हुए बताया कि किसान पंजीयन सहकारी समिति एसएचजी/एफपीओ/एफपीसी के अतिरिक्त एमपी ऑनलाइन कियोस्क, कॉमन सर्विस सेन्टर, साइबर कैफे एवं लोक सेवा केन्द्र पर भी किये जा सकेंगे। इस सम्बन्ध में अधिक से अधिक पंजीयन केन्द्र स्थापित किये जायेंगे। पंजीयन में वास्तविक किसान की पहचान सुनिश्चित करने हेतु बायोमैट्रिक सत्यापन के आधार पर पंजीयन किया जायेगा। इसके लिये किसान के वर्तमान एवं चालू मोबाइल नम्बर को आधार पंजीयन केन्द्र पर जाकर नम्बर से लिंक कराया जायेगा। किसानों के भू-अभिलेख में दर्ज खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार में दर्ज नाम से किया जायेगा। जिसमें किसी प्रकार की विसंगति होने पर पंजीयन का सत्यापन नायब तहसीलदार, तहसीलदार द्वारा किये जाने पर ही पंजीयन मान्य होगा।
गिरदावरी शीघ्र पूर्ण कराई जाये
किसान पंजीयन में भूमि का रकबा एवं फसल की जानकारी गिरदावरी डाटाबेस से ली जायेगी, इसलिये गिरदावरी शीघ्र पूर्ण कराई जाये। पंजीकृत किसानों के भूमि सम्बन्धी दस्तावेज जैसे भू-अधिकार ऋण पुस्तिका, खसरे की प्रति एवं पहचान स्वरूप आधार कार्ड या अन्य दस्तावेज की प्रति रिकार्ड में संधारित कराई जायेगी। इस नवीन व्यवस्था से किसान संगठनों एवं जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराया जायेगा एवं कृषि, राजस्व, सहकारिता एवं ग्राम पंचायतों के माध्यम से इसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी कराये जाने के निर्देश दिये हैं, ताकि समय-सीमा में किसानों का पंजीयन का कार्य पूर्ण किया जा सके।