आई.डी. के नाम पर धोखाधडी करने वाले आरोपियों को 03-03 वर्ष के कठोर कारावास की सजा

उज्जैन , न्यायालय माननीय सुश्री फातिमा अली, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपीगण 01. शक्तिसिंह पिता बिशनसिंह शेखावत निवासी-वैशाली नगर, जयपुर 02. संदीप, पिता नंदलाल, उम्र-46 वर्ष 03. रोहित, पिता संजय, उम्र-30 वर्ष दोनों निवासीगण- आहूजा इलेक्ट्रानिक्स नई सड़क, उज्जैन को धारा 420 भादवि में समस्त आरोपीगणों को 03-03 वर्ष का कारावास एवं कुल 25,000/- रूपये का जुर्माना किया गया।
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी श्री मुकेश कुमार कुन्हारे ने अभियोजन घटना अनुसार बताया कि फरियादी निरंजन ने थाना कोतवाली पर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कराई कि माह नवम्बर 2013 में उसके दोस्त जितेन्द्र पुरी ने बताया था कि स्टेवेल इन्फोटेक कम्पनी की आईडी लेने पर कई गुना रुपए वापस मिलते हैं। इसी बात पर मैं अपने मित्र जितेन्द्र, धर्मेन्द्र तथा लव तोमर के साथ संदीप आहूजा की नई सडक पर आहूजा इलेक्ट्रानिक्स की दुकान पर गया था, जहां पर उन्हें संदीप आहूजा एवं उसका भतीजा रोहित आहूजा मिले। रोहित आहूजा ने स्टेवेल इन्फोटेक कम्पनी की कई प्रकार की स्कीम उन्हें बताई थी, उस दिन फरियादी ने 51,000/- रुपए की आईडी हॉफ पेमेन्ट पर ली थी, जिसके कुल 30,000/- रुपए उसने संदीप आहूजा को दिए थे। फरियादी द्वारा जब संदीप आहूजा को रसीद देने का कहा तो संदीप ने एक सप्ताह के अंदर कम्पनी से रसीद लेकर फरियादी को देने का कहा। फरियादी के मित्र जितेन्द्र ने भी उसके साथ 28,000/- रुपए की एक आई.डी. हाफ पेमेन्ट पर ली थी, जिसके 16,000/- रुपए जितेन्द्र से संदीप को दिए थे, जिसकी कोई रसीद संदीप ने नहीं दी थी। इसके लगभग 10 दिन बाद फरियादी पुनः धर्मेन्द्र एवं जितेन्द्र के साथ रसीद प्राप्त करने आहूजा की दुकान पर दुबारा गया था। उसी दिन धर्मेन्द्र ने एक आई.डी. 51,000/- रुपए की हॉफ पेमेन्ट 30,000/- रुपए देकर तथा दूसरी आईडी 28,000/- रुपए की हॉफ पेमेन्ट 16,000/- रुपए देकर ली थी, जिसकी रसीद उस समय नहीं दी गई थी। उसी दिन लव तोमर ने भी 28,000/- रुपए की आईडी 3000/- रुपए की डिस्काउंट में 25,000/- रुपए में ली थी। इसके पश्चात् फरियादी, जितेन्द्र, लव तोमर और धर्मेन्द्र संदीप आहूजा की दुकान पर कई बार रसीद लेने गए तो न ही उन्हें रसीद मिली और न ही रुपए प्राप्त हुए। फिर जब उन्होंने स्टेवेल इन्फोटेक कम्पनी की वेबसाइट को खोला तो उसमें देखा कि कम्पनी ने अपना कारोबार मध्यप्रदेश में बंद कर दिया है। इसके पश्चात उक्त चारों लोग आहूजा इलेक्ट्रानिक की दुकान पर पहुॅचे जहां पर उन्हें ताला लगा मिला, तब उन्हें ज्ञात हुआ कि संदीप आहूजा एवं रोहित आहूजा द्वारा स्टेवेल कम्पनी के नाम से उनके साथ धोखाधडी की गई है। फरियादी की रिपोर्ट पर थाना कोतवाली पर अपराध पंजीबद्ध किया गया। आवश्यक अनुसंधान पश्चात् अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में पेश किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दण्डित किया गया।

प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री कुलदीप सिंह भदौरिया, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी, जिला उज्जैन द्वारा की गई।