मंहगाई भत्ता एवं पुरानी पेंशन सहित 8 सुत्रीय मांगों को लेकर मध्यप्रदेश अधिकारी, कर्मचारी संयुक्त मोर्चा द्वारा ज्ञापन सोंपा

उज्जैन। मध्यप्रदेश अधिकारी, कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जिला शाखा उज्जैन के अध्यक्ष मानसिंह चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के सभी संवर्ग की लम्बित मांगों का निराकरण नही करने के कारण प्रदेश के सभी मान्यता एवं गैर मान्यता प्राप्त संगठन के आव्हान पर उज्जैन जिले के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा शुक्रवार को कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के नाम डीप्टी कलेक्टर वीरेन्द्र सिंह दांगी को ज्ञापन दिया गया। इसके पूर्व कर्मचारियों द्वारा बडी संख्या में उपस्थित होकर नारेबाजी कर रैली निकाली गई। ज्ञापन का वाचन मोर्चा अध्यक्ष मानसिंह चौहान द्वारा एवं आभार मोतीलाल निर्मल द्वारा व्यक्त किया गया। इस अवसर पर मोर्चे के सदस्य सुरेन्द्रसिंह चौहान कर्मचारी कांग्रेस, कैलाश रामटेके तृतीय वर्ग, सुभाष राव अवाड तृतीय वर्ग, लक्ष्मीनारायण गुप्ता लघु वेतन, देवेन्द्र व्यास लिपिक वर्ग, शेख मो. हनीफ राज्य अध्यापक संघ, आर. के. ललावत तृतीय वर्ग, चित्रेश वाघे कलेक्टर कार्यालय, श्रीमती सीमा जैन कर्मचारी कांग्रेस, महेश सोनाने लघु वेतन नरेश आठिया अपाक्स, शशि टाईटस स्वास्थ्य विभाग, संजय मिश्रा वन विभाग, भरत शर्मा आजाद अध्यापक, देवेन्द्र माहेश्वरी आजाद अध्यापक ने भी संबोधित किया।

प्रमुख मांग केन्द्र के समान नियमित व पेंशनर एवं निगम मंडल के कर्मचारियों को 31 प्रतिशत मंहगाई भत्ता एरियर सहित।, पुरानी पेंशन लागू की जायें, लिपिक वर्ग की वेतन विसंगति दूर की जायें, पात्रता अनुसार उच्च न्यायालय की प्रत्याशा में पदनाम पदन्नोति दी जायें, मंत्री परिषद के आदेश दिनांक 4.01. 2020 अनुसार स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया जायें। केन्द्र के समान गृह भाडा एवं अन्य भत्ते दिये जायें।, अध्यापक संवर्ग को नये शिक्षा संवर्ग में नियुक्ति के स्थान पर संविलियन का आदेश जारी किया जायें।, अनुकम्पा नियुक्तियों के नियम शिधिल किये जायें।
प्रदर्शन में मोर्चे के अशोक पंवार, मनोहर अखण्ड, प्रमोद समेले, राजेन्द्र सुर्यवंशी, अरविन्द्र जायसवाल, प्रेमचन्द्र नाहर, प्रमोद गुप्ता, प्यारेलाल बलें, इकबाल गणपतसिंह पंवार, शेख रईस खान, कमलसिंह, ओ.पी.राय, चन्द्रपालसिंह चौहान, राजेन्द्र शर्मा, सुरेन्द्र पंवार, नरेन्द्र पेडवा, के.के. जोशी, कमलेश शर्मा, दशरथसिंह गोयल सहित बड़ी संख्या में मोर्चे के पदाधिकारी उपस्थित थे।