उज्जैन – आजादी के आंदोलन के दिवाने एक नवयुवक से पुलिस ने पिता का नाम पूछा तो उस युवक ने पिता का नाम स्वतंत्रता ,माँ का नाम भारत माता ,सरनेम आजाद बताया तो अंग्रेज हुकूमत हिल गयी । चारो तरफ आजाद के नाम की गूंज उठने लगी !आजादी का आंदोलन मानो रातोरात पूरे देश मे फेल गया था अपनी अंतिम सांस तक भी शत्रु के सामने नही झुकने की जिद ने आखिर एक 25 वर्ष के युवा ने माँ भारती के चरणों अपने प्राण अर्पित कर दिए ऐसे निडर व बहादुर कम उम्र के युवा अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की जयंती पर स्वर्णिम भारत मंच द्वारा सांवेर रोड स्थित उद्यान में आजाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया ।
स्वर्णिम भारत मंच के युवा इकाई महामंत्री दीपक जाट ने बताया कि स्वर्णिम भारत मंच द्वारा प्रतिवर्ष 23 जुलाई को भारत माता के सच्चे सपूत अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद की जयंती पर स्वर्णिम भारत मंच व महाकाल सिंधी कालोनी के रहवासियों ने पुष्पाजंलि अर्पित कर राष्ट्रगान का गायन कर भारत माता के जयकारों से आजाद को याद किया ।
जब तक सूरज चांद रहेगा आजाद तुम्हारा नाम रहेगा …..
स्वर्णिम भारत मंच के अध्यक्ष दिनेश श्रीवास्तव ने उदबोधन में कहा कि आज के युवाओं में आजाद नही दिखते है लोगों को नही पता है कि महज 25 साल की उम्र में चन्द्रशेखर आजाद ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी । राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक व छोटे बच्चों को स्वंतत्रता की लड़ाई लड़ने वाले सेनानियों की पुण्यतिथि व जन्मतिथि याद होना चाहिए । आज चन्द्रशेखर आजाद की जयंती को कितने लोग याद है । वक्त वंदना नलवड़े ने कहा कि मप्र के लिए गर्व की बात है कि चन्द्रशेखर आजाद हमारे प्रदेश के थे जिनकी कुर्बानी से हम आज महफूज है हमारे बच्चो को स्वन्त्रता संग्राम सेनानियों को भूलना नही चाहिए । कवि सुगन चंद जैन ने भी आजाद को वीर रस की कविता सुनाकर याद किया । अमित माथुर ने कहा कि आजादी की लड़ाई नही लड़ना है अब भृष्टाचार के खिलाफ लड़ने की जरूरत है । माल्यार्पण करते हुए लोगो ने नारे लगाए कि जब तक सूरज चांद रहेगा आजाद तुम्हारा नाम रहेगा
इस अवसर पर दिनेश श्रीवास्तव , चंद्रप्रकाश भाटी, दीपक जाट ,अमित माथुर प्रवीण सोनी , दयाशंकर शर्मा , रमाकांत तिवारी , सुगन चंद जेन , शुभम नरविया ,रश्मि देशकर ,मंगला नलवडे ,वंदना नेरकर,ओजस्वीनी माथुर ,वंदना काले,
भारती मुले , मीना डुगरानी,शकुन्तला हिगोले,मंजु काले ,आनंदी सिसोदिया, मुकेश पोरवाल आदि उपस्थित थे ।