पॉलीथिन का बहिष्कार कार्यशाला आयोजित

उज्जैन। जन शिक्षण संस्थान उज्जैन द्वारा स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत 28 जुलाई को पॉलीथिन का बहिष्कार कार्यशाला का आयोजन संस्थान की निदेशक अनिता सक्सेना के निर्देशन में महाराजवाड़ा हायर सेकंडरी स्कूल में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उषा डोर लेकचरार, अनामिका दुबे, साधना सिंह उपस्थित थे। उषा डोर ने छात्रों को बताया कि हमारे समाज में आज प्लास्टिक और पॉलीथिन का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है, जिसका हमारे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। प्लास्टिक और पॉलीथिन से हमारे पर्यावरण और समाज पर इसका क्या दुष्प्रभाव पड़ रहा है यह बिना सोचे लगातार इसका उपयोग किया जा रहा है। एक तरफ आज नदी, पोखर, तालाब सूख रहे हैं और जो अभी तक नहीं सूखे हैं उनके अंदर प्लास्टिक और पॉलिथीन का कचरा भर चुका है। ऐसे में पर्यावरण और समाज को बचाने के लिए प्लास्टिक और पॉलिथीन का पूर्ण बहिष्कार करना जरूरी है। इसके साथ इसका उपयोग ना करने का संकल्प लेना भी जरूरी है। अनामिका दुबे ने बताया की पॉलीथिन के बैग बहुत प्रचलित हैं। एक सब्जी वाले की दुकान से लेकर एक डिज़ाइनर स्टोर तक में उसका उपयोग होता है। वह एक आधुनिक सुविधा है, जिसके बिना हमारा काम नहीं चलता है। इतना उपयोगी होने के बाद भी हम उसके हानिकारक प्रभावों को नज़र अंदाज़ नहीं कर सकते हैं। उसे बनाने के लिए पेट्रोलियम की अधिक मात्रा लगती है। वह प्रदूषण उत्पन्न करता है। उसे जल्दी विघटित नहीं करा जा सकता, इसलिए कूड़े के ढेर एकत्रित हो जाते हैं। लोग उसे बिना सोचे सब जगह फेंक देते हैं, जिससे शहर गंदा होता है। वह पशुओं के लिए हानिकर होता है। इसलिए उसका बहिष्कार करना आवश्यक है। समय समय पर सरकार उसके उपयोग को रोकने के लिए कानून बनाती है। परन्तु इस काम की सफलता के लिए लोगों को पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझना चाहिए और पॉलीथिन बैग का बहिष्कार करना चाहिए। अंत में साधना सिंह द्वारा उपस्थित छात्रों को पॉलीथिन का उपयोग न करने तथा अन्य लोगों को भी इसके लिए जागरूक करने की शपथ दिलाई गई। संचालन सहायक कार्यक्रम अधिकारी दिलीप सिंह चावड़ा ने किया। कार्यक्रम में जे.एस.एस. स्टाफ एवं 50 छात्र उपस्थित थे।