खाद्य प्रसंस्करण कृषकों की आय दुगनी करने का सुलभ साधन : सुभाष श्रीवास्तव, उप संचालक उद्यानिकी

उज्जैन। राज्य शासन एवं केंद्र सरकार कृषकों की आय दोगुनी करने के लिए कई प्रकार की योजना चला रही है, जिसमें सूक्ष्म, लघु एवं कुटीर उद्योग ग्राम पंचायत स्तर पर स्थापित करने के लिए ऋण व्यवस्था है, जिसके अंतर्गत एक लाख से दस करोड़ तक के लोन एवं सबसिडी उपलब्ध है।
सहकारिता मंत्रालय भारत सरकार एवं भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ की सहकारी शिक्षा क्षेत्रीय परियोजना उज्जैन द्वारा ग्राम उन्हेल में आयोजित ग्राम पंचायत स्तरीय आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम में व्यक्त किए।
मुख्य अतिथि लालसिंह राणावत, पूर्व विधायक, नागदा, विशिष्ट अतिथि योगेंद्र सिंह सिसोदिया, पूर्व अध्यक्ष जिला सहकारी संघ उज्जैन, विशेष अतिथि नरेंद्र शर्मा, सहकारी प्रचारक कायथा एवं वीरेंद्र सिंह जाधव पूर्व अध्यक्ष, प्राथमिक सहकारी समिति अक्यानजिक, विशिष्ट अतिथि वक्ता एवं विषय विशेषज्ञ डॉ. आर.पी. शर्मा निदेशक, कृषि विज्ञान केंद्र एवं सुभाष श्रीवास्तव, उप संचालक, उद्यानिकी विभाग रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ गांधीजी के चित्र पर सूत माला एवं पुष्प अर्पित करके किया गया। प्रतिभागी द्वारा अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ से किया गया। कार्यक्रम के संयोजक एवं संचालनकर्ता प्रेम सिंह झाला सहकारी शिक्षा प्रेरक रहे।
प्रभारी परियोजना अधिकारी चन्द्रशेखर बैरागी ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत सहकारिता के प्रचार प्रसार के लिए ग्राम पंचायत स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिससे सहकारिता के माध्यम से ग्राम पंचायत सदस्य एवं संस्था सदस्य स्टार्टअप कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि से संबंधित ग्राम पंचायत स्तरीय उद्योग लगाएं जिससे कृषकों को उसकी उपज का पूरा-पूरा लाभ मिल सके, साथ ही परियोजना द्वारा विगत वर्षों में ग्राम स्तर पर सहकारी शिक्षण प्रशिक्षण के किए गए कार्यों का उल्लेख भी किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लालसिंह राणावत ने कहा कि कृषि आय दुगनी करने का सहकारिता ही एकमात्र साधन है, क्योंकि सहकारिता में संस्था का प्रत्येक सदस्य उसका मालिक होता है, मालिक अपनी संस्था की उन्नति लिए पूर्ण निष्ठा विश्वास के साथ कार्य करता है, जिससे संस्था निरंतर प्रगति की ओर अग्रेषित होती है।