महाशिवरात्रि का नाम आये तो लोगों को उज्जैन याद आये -कलेक्टर

उज्‍जैन । कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम ने सोमवार को सिंहस्थ मेला कार्यालय के सभाकक्ष में आगामी महाशिवरात्रि पर वृहद स्तर पर आयोजित होने वाले शिव ज्योति अर्पणम् कार्यक्रम की तैयारियों के सम्बन्ध में शहर के विभिन्न समाजों के अध्यक्ष और पदाधिकारियों के साथ बैठक की। कलेक्टर ने बैठक में कहा कि महाशिवरात्रि का नाम आये तो लोगों को उज्जैन याद आये, इस परिकल्पना के साथ हमें शिव ज्योति अर्पणम् कार्यक्रम का आयोजन करना है। यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन पिछले वर्ष से बेहतर हो। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष महाशिवरात्रि पर 18 लाख दीये जलाये जाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज कराना है।
कलेक्टर ने कहा कि उज्जैन में महाशिवरात्रि पर शिव नवरात्रि भी मनाई जाती है। अगले वर्ष से शिव नवरात्रि पर नौ दिनों तक अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किये जाने पर योजना बनाई जायेगी। किसी भी कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये सबसे बड़ा संसाधन मानव संसाधन होता है। दीपोत्सव में हम वर्ल्ड रिकार्ड बनाने जा रहे हैं। उज्जैन को विश्व की सांस्कृतिक राजधानी बनाये जाने के लिये हम सभी को इस तरह के आयोजन जन-भागीदारी के साथ करना होंगे, ताकि विश्व के पटल पर उज्जैन का नाम प्राचीनकाल की भांति रेखांकित हो सके।
बैठक में सीईओ स्मार्ट सिटी श्री आशीष पाठक द्वारा जानकारी दी गई कि विभिन्न समाजों के द्वारा दीपोत्सव कार्यक्रम में उनकी ओर से लगाये जाने वाले वॉलेंटियर्स की सूची शीघ्र-अतिशीघ्र उपलब्ध कराई जाये। दीपोत्सव में 18 लाख दीये जलाकर वैश्विक प्लेटफार्म पर दर्ज किया जायेगा। इस बार दीयों का लक्ष्य बहुत बड़ा है, इसीलिये अधिक संख्या में वॉलेंटियर्स की आवश्यकता होगी। दीपोत्सव के दौरान 250 दीयों पर दो वॉलेंटियर्स लगाये जायेंगे। वे इनमें तेल भरकर एकसाथ जलायेंगे। वॉलेंटियर्स को आइडेंटिटी कार्ड प्रदान किये जायेंगे तथा विभिन्न घाटों पर उनकी इंट्री कौन-से गेट से होगी, यह भी तय किया जायेगा। कार्यक्रम की लाईव रिकार्डिंग करवाई जायेगी।
उल्लेखनीय है कि शिव ज्योति अर्पणम् कार्यक्रम के अन्तर्गत शिप्रा नदी के घाटों, सार्वजनिक स्थलों, हर घर, शहर के सभी मन्दिर, समस्त व्यावसायिक स्थल और समस्त चौराहों पर दीप प्रज्वलित किये जायेंगे। विद्युत साज-सज्जा की जायेगी।
कार्यक्रम में विभिन्न समाजों के अध्यक्ष और पदाधिकारियों द्वारा आयोजन के सम्बन्ध में सुझाव दिये गये। इसमें दीपोत्सव कार्यक्रम में सभी धर्मों के धर्मगुरूओं को आयोजन सम्बन्धी बैठकों में बुलाये जाने, दीये लगाने के स्थान में वृद्धि करने, माईक व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ करने, वॉलेंटियर्स को बुलाये जाने का समय सुनिश्चित करने, कार्यक्रम स्थल पर पेयजल, स्वल्पाहार और शौचालय की व्यवस्था करने आदि सुझाव दिये गये।
बैठक में माटी कला बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष श्री अशोक प्रजापत, सर्वश्री सुरजीत सिंह, रूप पमनानी, गोपाल अग्रवाल, शक्तिसिंह चौधरी, अनिलसिंह चन्देल, आनन्द भावसार, सुरेंद्र चतुर्वेदी, दीपक बेलानी, दीपक राजवानी, ईश्वर पटेल, संजय शाह, दीपक शर्मा, ओमप्रकाश मोहने, एमएल सूर्यवंशी, शिव कुमार विजयवर्गीय, रमाशंकर जायसवाल, दीपचंद्र जाटव, रामचंद्र कोरट, महेश गौड़, लोकेंद्र सिंह एवं अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।