नेशनल लोक अदालत में कुल 5649 प्रकरणों का राजीनामा से हुआ समाधान

उज्जैन:- “लोक अदालत विवाद के पक्षकारों को समझौते के आधार पर सहज एवं सुलभ न्याय दिलाने का सरल एवं निःशुल्क माध्यम है। लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण से पक्षकारों के समय एवं धन की बचत होती है तथा आपसी भाईचारा एवं सदभाव भी बना रहता है।” उक्त बात शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत के शुभारंभ के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं प्रधान जिला न्यायाधीश श्री आर के वाणी ने कही। जिला न्यायालय भवन के मुख्य प्रवेश द्वार पर विशेष न्यायाधीश (एट्रोसिटी) एवं संयोजक नेशनल लोक अदालत श्री अश्वाक अहमद खान, सचिव जिविसेप्रा श्री अरविंद कुमार जैन, समस्त न्यायाधीशगण एवं विभिन्न विभागों से पधारे अतिथिगण द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ कर प्रधान जिला न्यायाधीश महोदय ने समस्त न्यायिक खण्डपीठों को नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक संख्या में प्रकरणों का समाधानपूर्वक निराकरण करने हेतु शुभकामनाएं दीं।

शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत में हजारों की संख्या में पक्षकारगण, आम नागरिक लाभांवित हुये। विशेषकर पारिवारिक प्रकृति के साथ ही क्लेम, विद्युत चोरी, चेक बाउस, आपराधिक एवं दीवानी प्रकरणों का काफी संख्या में समझाता आधार पर निराकरण हुआ। पारिवारिक प्रकरणों में अनेक बिछड़े हुये परिवारों को मिलाया गया एवं मोटर दुर्घटना क्लेम प्रकरणों में पीडित व्यक्तियों को लाखों रुपए की क्षतिपूर्ति राशि के अवार्ड पारित हुये।

इस लोक अदालत में माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय श्रीमान आर के वाणी की खंडपीठ में 24 प्रकरण एवं विद्युत अधिनियम सबंधी विशेष न्यायाधीश (शहरी क्षेत्र) श्री जितेंद्र सिंह कुशवाह द्वारा 190 एवं विद्युत अधि विशेष न्यायाधीश (ग्रामीण क्षेत्र) श्री आदेश कुमार जैन द्वारा 120 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिनमें काफी प्रकरण 05 साल की लंबी अवधि से न्यायालय में लंबित थे।

*लोक अदालत की विशेष झलकियाँ*

1. प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष श्री आर के वाणी साहब द्वारा विभिन्न विभागों के समझौता स्टॉलों का निरीक्षण कर पक्षकारों एवं बैंक अधिकारियों से चर्चा कर पक्षकारों को निःशुल्क न्याय वृक्षों का वितरण किया गया।

2. न्यायालय में आने वाले जरूरतमंद पक्षकारों को निःशुल्क भोजन का हुआ वितरण।

3. विधि विद्यार्थियों ने न्यायालय का भ्रमण कर सीखी लोक अदालत की कार्यवाही।

लोक अदालत के संयोजक एवं विशेष न्यायाधीश श्री अश्वाक एहमद खान एवं परिवार न्यायालय के न्यायाधीश श्री वी.के गुप्ता, जिला उपभोक्ता आयोग की अध्यक्ष सुश्री जसबीर कौर सासन, जिला न्यायाधीशगण श्री संतोष प्रसाद शुक्ला, श्री जितेन्द्र कुशवाह, श्री शशिकांत वर्मा, श्री संजय राज ठाकुर, श्री सुनील कुमार शोक, श्री आदेश कुमार जैन, श्रीमती कीर्ति कश्यप, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्री वीरेन्द्र जोशी, श्री राजेश जैन, श्री विनायक गुप्ता, सुश्री शिवांगी श्रीवास्तव, श्री वीरेन्द्र वर्मा, सुश्री अंकिता प्लास सहित समस्त न्यायिक अधिकारीगण तथा प्राधिकरण के सचिव श्री अरविंद कुमार जैन, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री चन्द्रेश मण्डलोई, अभियोजन अधिकारीगण, लीड बैंक मैनेजर श्री संदीप अग्रवाल, भारतीय स्टेट बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक श्री मिश्र एवं विभिन्न बैंकों के शाखा प्रबंधकगण, फाइनेंस कंपनियों एवं विद्युत विभाग के अधिकारीगण,अभियोजन अधिकारीगण, समस्त न्यायालयीन कर्मचारीगण, पैरालीगल वॉलंटियर्स, विधि विद्यार्थीगण एवं काफी

संख्या में पक्षकारगण उपस्थित रहे।

उक्त लोक अदालत में प्रीलिटिगेशन के 11622 रखे गए प्रकरणों में से 4473 प्रकरण तथा न्यायालय में लंबित 6034 रखे गए प्रकरणों में से 1176 प्रकरण निराकृत हुयें। लोक अदालत में कुल 5649 प्रकरणों का निराकरण हुआ और कुल रु.145759640/- की राशि के अवॉर्ड पारित हुये, जिसमें मोटर दुर्घटना के 74 क्लेम प्रकरणों में पीड़ित व्यक्तियों को रु.23752000/- के अवार्ड पारित हुए। जिला उपभोक्ता आयोग की खंडपीठ में सुश्री जसबीर कौर सासन न्यायाधीश द्वारा 33 उपभोक्ता प्रकरणों का निराकरण कर रु 2301796/- राशि का अवार्ड पारित किया गया।

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