उज्जैन । प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री और विक्रमोत्सव स्थानीय समिति के अध्यक्ष डॉ.मोहन यादव ने रविवार को विक्रमोत्सव-2023 के सम्बन्ध में आयोजित प्रेसवार्ता में जानकारी दी कि वृहत्तर भारत की सांस्कृतिक चेतना पर एकाग्र 33 दिवसीय विक्रमोत्सव-2023 का आयोजन महाशिवरात्रि 18 फरवरी से वर्ष प्रतिपदा एवं उज्जैन गौरव दिवस 22 मार्च तक किया जायेगा। महाशिवरात्रि पर शिव ज्योति अर्पण कार्यक्रम के साथ इस गरिमामय आयोजन का शुभारम्भ मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे। उल्लेखनीय है कि महाशिवरात्रि पर लगभग 21 लाख दीयों की ज्योति का अर्पण भगवान महाकालेश्वर को किया जायेगा। ऐसा दिव्य और भव्य दीपोत्सव देश में सबसे पहला और एकमात्र होगा।
मंत्री डॉ.यादव ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री की मनोभावना के अनुरूप इस बार से विक्रमोत्सव महाशिवरात्रि से लेकर वर्ष प्रतिपदा तक किये जाने की परम्परा का भी आगाज हो रहा है। इस बार के विक्रमोत्सव में 26 विविध आयोजन किये जायेंगे। दीपोत्सव, नाट्य, प्रदर्शनियां, प्रकाशन, विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का प्रवर्तन आदि कार्यक्रम शहर के विभिन्न कार्यक्रम स्थलों पर होंगे। इस बार के विक्रमोत्सव में अनुमानित है कि 21 हजार 500 से अधिक कार्यकर्ता, प्रदर्शक, रचनाकार आदि शामिल होंगे। इस बार के दिव्य आयोजन में महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ सहित मप्र शासन के कोई 31 विभागों की भागीदारी भी होगी। प्रदेश के विविध विभागों की इतनी व्यापक भागीदारी पहली बार किसी आयोजन में देखने को मिलेगी।
प्रेसवार्ता में श्री विवेक जोशी और महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक डॉ.श्रीराम तिवारी ने भी सम्बोधित किया। इस दौरान समस्त प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधि मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि इस बार 18 फरवरी को विक्रमोत्सव का शुभारम्भ उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा कलश यात्रा से तथा महाशिवरात्रि पर शिव ज्योति अर्पण कार्यक्रम के साथ किया जायेगा। इसमें महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति और उज्जैन जिला प्रशासन की ओर से सहभागिता की जायेगी।
रविवार 19 फरवरी को त्रिवेणी कला संग्रहालय में प्रदर्शनी का आयोजन दीपक और श्री हनुमान पर किया जायेगा। इसके पश्चात 20 से 27 फरवरी तक विक्रम कीर्ति मन्दिर सभागार में नाट्य प्रस्तुतियां दी जायेंगी। मंत्री डॉ.यादव ने जानकारी दी कि 21 फरवरी से जिला पंचायत के सहयोग से हस्त शिल्प व्यापार मेला, ग्रामोद्योग हस्त शिल्प मेला और वन औषधिय मेले का आयोजन किया जायेगा। इसके पश्चात 21 से 23 फरवरी तक कालिदास अकादमी के मुक्ताकाशी मंच पर शाम 7 बजे से प्रसिद्ध कवि श्री कुमार विश्वास द्वारा श्री राम के महाकाल और महाकाल के श्री राम, अपने-अपने राम पर व्याख्यान की प्रस्तुति दी जायेगी। 24 फरवरी को प्रदेश के विविध मन्दिरों में भगवान के श्रृंगार पर केन्द्रित प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा।
आगामी 25 फरवरी से शोधपीठ कार्यालय बिरला भवन में भारतीय कृषि वैज्ञानिक, विक्रमादित्य, विक्रमादित्यकालीन मुद्रा एवं मुद्रांक और वृहत्तर भारत के सांस्कृतिक वैभव पर आधारित प्रदर्शनी लगाई जायेगी। इसके पश्चात 25 से 27 फरवरी तक विक्रम विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय वेद सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा। 28 फरवरी को प्रदेश के महापौर का राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया जायेगा। एक से 3 मार्च तक रिदम सांस्कृतिक संस्था के द्वारा भजनामृत उत्सव का आयोजन किया जायेगा।
इसके पश्चात 3 से 5 मार्च तक विक्रम कीर्ति मन्दिर के सभागार में इतिहास समागम वृहत्तर भारत में संस्कृति, साहित्य और पुरातत्व, विक्रम संवत, भारतीय कालगणना की वृहद परम्परा पर संगोष्ठी का आयोजन किया जायेगा। आगामी 7 मार्च को घंटाघर चौराहे पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा। इसके बाद 9 और 10 मार्च को चिन्तामन गणेश मन्दिर पर मेले का आयोजन किया जायेगा। माधव कॉलेज में राष्ट्रीय युवा विज्ञान सम्मेलन का आयोजन मप्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के द्वारा किया जायेगा। इसके पश्चात 14 से 21 मार्च तक सम्राट विक्रमादित्य, राजा भोज, महर्षि सान्दीपनि, चाणक्य, स्कंदगुप्त, आदि शंकराचार्य, कर्णभार, सरमापणि, रामायण एवं श्रीमदभगदगीता पर देशी-विदेशी पारम्परिक प्रस्तुतियां तथा विक्रम नाट्य प्रस्तुतियां दी जायेंगी। इसके पश्चात ट्रेजर आईलैंड में 17 से 21 मार्च तक पौराणिक फिल्मों का अन्तर्राष्ट्रीय समारोह आयोजित किया जायेगा।
दशहरा मैदान पर 17 से 22 मार्च तक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर केन्द्रित बहुविद पुस्तकें, स्वाधिनता संग्राम पर केन्द्रित पुस्तकें, साहित्य पर केन्द्रित पुस्तकों का पुस्तक मेला आयोजित किया जायेगा। 19 मार्च को यजुर्वेद संहिता पर आधारित वेद अंताक्षरी का आयोजन किया जायेगा। 22 मार्च को सृष्टि आरम्भ दिवस वर्ष प्रतिपदा और उज्जयिनी गौरव दिवस तथा विक्रमोत्सव समापन कार्यक्रम और विक्रम संवत ‘नल’ का शुभारम्भ होगा। इस दौरान प्रात: 6.30 बजे सूर्योपासना की जायेगी। इसके पश्चात सुप्रसिद्ध पार्श्व गायक शान और उनके दल के द्वारा रामघाट पर सांगितिक प्रस्तुति दी जायेगी। साथ ही भव्य आतिशबाजी होगी। 22 मार्च को वराहमिहिर वेधशाला पर विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का लोकार्पण, रामघाट पर विक्रम पंचांग का लोकार्पण और विक्रम विश्वविद्यालय में विक्रम दीक्षांत समारोह का आयोजन किया जायेगा।