उज्जैन। विश्व संगीत दिवस व विश्व योग दिवस पर भरतभूमि नाट्य संस्कृति संस्थान की नाट्य प्रस्तुति युवा रंगकर्मी कवि शुभम शर्मा कृत रामपथ का मंचन स्थानीय कालिदास संस्कृत अकादमी के अभिरंग नाट्यगृह में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महामंडलेश्वर स्वामी श्री श्री 1008 सुमनानंद गिरि जी महाराज ने अपने वक्तव्य में एक युवा द्वारा रचित रामपथ को युवाओं का पथ बताते हुए कहा कि जहाँ वर्तमान दौर में आदिपुरुष जैसी भारतीय संस्कृति को आहत करती फिल्म दिखाई जाती हो, वहीं एक युवा द्वारा रामपथ जैसा नाटक जो जनमानस को राम के विचारों के साथ जोड़कर विकारों पर विजय का मार्ग प्रशस्त करता है। मुख्य अतिथि के रूप में बाल मंच के संस्थापक सतीश दवे ने नाटक के सफल मंचन की शुभकामनाएँ देते हुए इस नाटक को कई मायनों में एक नया कदम बताया, तो दूसरी ओर वरिष्ठ रंगकर्मी विश्वास शर्मा ने रामपथ के प्रथम मंचन के लिये नाटक के निर्देशक युवा रंगकर्मी अंकित जोशी एंव श्रेष्ठ संवादों के लिये शुभम शर्मा को बधाई देते हुए रामपथ को एक ऊर्जा का स्त्रोत बताया। विशेष अतिथि के रूप में रामजनार्दन मंदिर के व्यवस्थापक श्यामदास महाराज ने भी नाटक की प्रशंसा करते हुए सभी कलाकारों को शुभकामनाएँ प्रेषित की।
शुभम शर्मा द्वारा निभाय गए मानस के पात्र को दर्शकों द्वारा खूब सराहा गया। जानकारी देते हुए नाटक के सह निर्देशक हरदीप दायले ने नाटक की कथावस्तु पर प्रकाश डालते हुए बताया कि नाटक की कहानी एक युवा मानस (शुभम शर्मा) के ईर्दगिर्द घूमती है। जिस पर नौकरी लगने के बाद नये कार्यक्षेत्र के नये वातावरण में अलग-अलग पात्रों चरित्रों के माध्यम से उस पर लोभ, मोह, काम, क्रोध, अहंकार आदि विकारों का प्रभाव पड़ने पर उस पर पशुता हावी होने लगती है, जिस कारण वह जीवन में एक साथ कई समस्याओं से घिर जाता है। उसकी नौकरी छूट जाती है, पत्नी मायके चली जाती है, प्रेमिका धोखा दे देती है, जिस कारण वह तनावग्रस्त हो जाता है। तब काल उस पर अपना शिकंजा कस लेता है। काल के रूप में अंकित जोशी ने शानदार अभिनय कर काल को जीवत कर दिया। तनाव के इस भंवर से उसे मुक्ति अपने मित्र कार्तिक (समीर मालवीय) द्वारा गुरु के पास ले जाता है जहाँ गुरु उसे रामपथ का मार्ग बताते हैं और जहाँ उसे विकारों से मुक्ति मिलती है।
महेंद्र ने राम की भूमिका में जनमानस पर एक अलग छाप छोड़ दी। गुरु और नानू की भूमिका में हरदीप दायले प्रभावी रहे। बहुत ही कम समय में पिता की भूमिका में वरिष्ठ रंगकर्मी राजेन्द्र चावड़ा (राजा काका) व माता के किरदार में मनीषा व्यास ने बहुत सुन्दर अभिनय किया। आफिस के किरदारों में रोजी (कामिनी) ने उम्दा अभिनय किया। नाटक में मेहता बॉस के किरदार में निमिश व्यास, पुष्पेंद्र के किरदार मे पार्थ भावसार, दीपक के किरदार में इशान व्यास ने दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम का संयोजन संस्था अध्यक्ष जितेंद्र वड़िया ने किया। अंत में आभार शुभम शर्मा ने माना। यह जानकारी संस्था के सचिव हरदीप दायले ने दी।