राष्ट्रीय शिक्षा नीति के दो वर्ष सफलतापूर्वक पूर्ण होने पर होगा शिक्षा समागम, सम्पूर्ण प्रदेश के महाविद्यालयों की होगी भागीदारी, आयोजन समिति की बैठक सम्पन्न

उज्जैन । राष्ट्रीय शिक्षा नीति के दो वर्ष सफलतापूर्वक पूर्ण होने पर मध्य प्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की जा रही है। कार्यशाला का शुभारंभ आगामी 9 सितंबर को मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगू भाई पटेल करेंगे। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।

कार्यशाला में 16 शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं 50 निजी विश्विद्यालयों के कुलपति भागीदारी करेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के टास्क फोर्स के सदस्य भी इस कार्यशाला में सम्मिलित होंगे । प्रदेश के समस्त महाविद्यालय के राष्ट्रीय शिक्षा नीति के एंबेसडर प्राध्यापक भी उपस्थित रहेंगे। प्रदेश की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के 535 नोडल अधिकारी भी कार्यशाला में प्रतिभागीता करेंगे। कार्यशाला का शुभारंभ विक्रम विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती हाल में होगा । वहां राष्ट्रीय शिक्षा नीति केंद्रित प्रदर्शनी और मध्य प्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी की पुस्तक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी ।

उक्त कार्यशाला में प्रदेश के मेघावी विद्यार्थियों का सम्मान भी किया जाएगा । स्वामी विवेकानंद मार्गदर्शन केंद्र द्वारा करियर मेले का आयोजन भी किया जाएगा । कार्यक्रम में आत्म निर्भरता की ओर बढ़ती हुई इकाइयों को सीड मनी का वितरण भी किया जायेगा।

यह जानकारी देते हुए मध्य प्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक उज्जैन संभाग डॉ एच एल अनिजवाल ने बताया कि कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए विभिन्न समितियां का गठन किया गया है ।जिसमें नोडल अधिकारी के रूप में डॉ दिनेश खंडेलवाल, डॉ जफर मेहमूद,डॉ जीवन सिंह सोलंकी, डॉ किरण राठौड़, डॉ केशवमणि शर्मा ,डॉ अतुल जैन , डॉ अमिता सिंघल, डॉ एच एल द्विवेदी,डॉ शशि प्रभा जैन ,डॉ दिनेश सिंघल , डा दीपेंद्र रघुवंशी, डॉ ज्योति वेद, डॉ शैलेंद्र भारत और डा शेल्हा इशाक को दायित्व सौंपे गए हैं।

रविवार को हुई आयोजन समिति की बैठक में विभिन्न शासकीय,अशासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्य ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए, जिनमे डॉ वंदना गुप्ता, डॉ अर्पण भारद्वाज ,डॉ जेएल बरमेया , डॉ अरुण सेठी ,डॉ हेमंत गहलोत सम्मिलित थे। समितियां की बैठक का संचालन एवं आभार उच्च शिक्षा विभाग के विशेष कर्तव्य अधिकारी डॉ विशाल टांकले ने किया।