भूमि आवंटन आफ लाइन के माध्यम से किया जाये, कार्तिक मेला झुला व्यापारी संघ

उज्जैन। कार्तिक मेला झूला व्यवसायी संघ के अध्यक्ष अब्दुल अजीज जैदी और अन्य व्यापारियों ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया की कार्तिक मेला के 70- 80 वर्षों के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ, जो वर्ष 2022 से हो रहा है । एक माह लगने वाला कार्तिक मेला पारंपरिक व धार्मिक मेला है । उक्त मेले का व्यवसायीकरण किया जा रहा है। बार-बार नए-नए नियम लागू करने से कार्तिक मेले की पहचान विलुप्त होती जा रही। झूला पट्टी को भी ऑनलाइन किए जाने की खबर से झूला व्यवसायी परेशान हैं। शासन- प्रशासन हर वर्ष नए नियम लागू करता है। यह मानव अधिकारों का हनन है। शासन प्रशासन को ध्यान देना चाहिए। विगत दो-तीन वर्षों से कार्तिक मेला समय पर नहीं लगने से झूला व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। एक तरफ तो नगर निगम प्रशासन ब्लैकमेलिंग भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की बात करता है चरित्र ऑनलाइन व्यवस्था बनाकर भ्रष्टाचार और लूट कसूर को लागू कर रहा है जितनी महंगी भूमि आवंटन नगर निगम करेगा उतना ज्यादा महंगाई बढ़ेगी आम ग्रामीण और शहरी जनता के साथ लूट खसोट होगी। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन झूला आवंटन का सभी झूला व्यवसाय पुरजोर विरोध करते हैं। इस संबंध में कलेक्टर निर्वाचन आयोग को मिला में झूला लगाने वाले व्यवसाय अपनी आपत्ति दर्ज कर चुके हैं । उनका कहना है कि मेला ऑनलाइन होता है तो समय पर मेला संचालित नहीं हो पाएगा, पूरी तरह से गुंडागर्दी और भूमाफियाओं के गिरफ्त में आ जाएगा। और फिर इनका ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू हो जायेगा!
व्यापारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि वर्ष 2022 में ₹60,000 भूमि शुल्क के नगर निगम ने ₹2,00,000 वसूल किए थे।
इस दौरान अब्दुल अज़ीज़ जैदी, अशोक माहेश्वरी, अफजल भाई, निमेष शुक्ला, आजाद भाई, मोहम्मद शाह, खेमचंद जैन, भेरुलाल जी, असलम भाई, सरफु भाई श्रीमती कुसुमलता, श्रीमती नीलम जी, श्रीमती मुनीजा बी, अमर चौहान, आरिफ भाई ,राजा भाई, अब्दुल हमीद, रफीक अंजाना, अनिता जैन, शौकत भाई , अनिल जैन आदि झूला व्यवसायी मौजूद थे।