भगवान कोई भी काम बिना कारण से नहीं करते : जया किशोरी जी

उज्जैन। माता-पिता बच्चे की हर हरकतों के दीवाने होते हैं। भगवान कोई भी काम बिना कारण से नहीं करते हैं। भगवान सभी की परीक्षा लेते हैं। भक्त की अधिक परीक्षा लेते हैं। कई लोग अच्छे दिनों में भगवान को तो याद करते हैं, लेकिन कठिन समय में भगवान को छोड़ देते हैं। जीवन की विपरीत परिस्थितियां ही भगवान द्वारा ली गई परीक्षा होती है। भगवान किसी को भी इतनी जल्दी अपनाते नहीं हैं, बहुत परीक्षा लेते हैं। यदि आप परीक्षा में पास हो गए तो भगवान हर परिस्थिति मेें आपके साथ रहते हैं।
यह बात हामूखेड़ी स्थित आरके ड्रीम्स में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में कथावाचक जया किशोरी ने कही। उन्होंने कहा कि मनुष्य की एक आदत है कि उसे अपनी गलती के अलावा सबकी गलती नजर आती है। आरोप लगाने में वह भगवान को भी नहीं छोड़ता। उस पर भी आरोप लगा देता है। भगवान कठिन परिस्थितियों के माध्यम से बताते हैं कि हम गलत हैं या सही। यदि हम नहीं सुधरते हैं तो भगवान दंड भी देते हैं। जिसके मन में चोर है, उसे सबके मन में चोर नजर आता है।
मनुष्य कभी भी जो उसके पास है, उससे खुश नहीं होता। बच्चे हैं तो बड़ा होने की इच्छा, बड़े हो गए तो फिर से बच्चा बनने की इच्छा। जिसके पास काम नहीं, उसे काम चाहिए और जिसके पास काम है उसे छुट्टी चाहिए। हम भारतीयों की एक आदत है कि हम अपनी चीजों पर तब तक भरोसा नहीं करते, जब तक विदेशी उस पर अपना ठप्पा न लगा दें और जब विदेशी कह दे बढ़िया है तो हम भी कह देते हैं बढ़िया है। और विदेश की खोज बताते हैं। विदेश में पत्तियों से उन्होंने प्लेट बनाई और कहते हैं कि कई सारी रिसर्च करके पत्तों से प्लेट बनाई। क्या हमें अपने यहां के पत्तल दिखाई नहीं दिए, जिसका उपयोग हम वर्षों से कर रहे हैं। विदेशी लोग हमें अपनी ही चीज पैङ्क्षकग बदलकर दे रहे हैं। खजाना हमारे ही पास हैं, इसलिए पहले स्वयं को ही देखना शुरू करें। जब दुनिया में शिक्षा ढंग से शुरू भी नहीं हुई थी, तब भारत में साढ़े सात लाख गुरुकुल थे। सब तोड़े गए। विदेश में एक स्थान है, जहां ढेर सारी गायों को रखा गया है। लोगों से वहां आने के लिए आधे घंटे के हजारों रुपये लिए जा रहे हैं। गायों को सहलाने, हाथ फेरने, तनाव दूर करने के लिए पैसे लिए जा रहे हैं। यह सब हमारे यहां वर्षों से लोग करते आ रहे हैं। भगवान किसी से भेदभाव नहीं करते। भेदभाव हम करते हैं। भगवान ने सबको ताकत दी है। हम भगवान से प्रेम कम करते हैं। भगवान पर अपना हक जताना चाहिए। पूजा करो तो ऐसे की करो, जिसे कोई कार्य नहीं सौंपा गया फिर भी हमारी सेवा कर रहे हैं।
आरके डेवलपर्स के राकेश अग्रवाल ने बताया कि गुरुवार को जया किशोरी ने भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं में पुतना वध, ऋषि गर्ग द्वारा भगवान का आह्वान, शंकर भगवान द्वारा कृष्ण के बाल रूप के दर्शन, माखन चोरी प्रसंग आदि के प्रसंग सुनाए।