उज्जैन । श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिवरात्रि उत्सव का प्रारंभ 29 फरवरी से हो रहा है। नौ दिवस में उपासना, तपस्या एवं साधना के लिये शिवनवरात्रि महापर्व मनाया जाता है। प्रतिवर्ष होने वाले शिवनवरात्रि महोत्सव 2024 में नौ दिनों तक भगवान श्री महाकालेश्वर जी अपने भक्तों को अलग-अलग स्वरूपों में दर्शन देकर उनकी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं ।
महाशिवरात्रि महापर्व की तैयारियां श्री महाकालेश्वर मंदिर में जोरो पर चल रही है| श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में स्थित मंदिरों एवं शिखरों की रंगाई पुताई से महाकाल मंदिर व श्री गर्भगृह चमकने लगा है। मन्दिर परिसर स्थित कोटितीर्थ कुण्ड व आसपास की सफाई भी पूर्ण हो गई है।
अपर कलेक्टर एवं श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति प्रशासक श्री संदीप कुमार सोनी लगातार मंदिर में महाशिवरात्रि महापर्व के संबंध में विविध प्रकार की तैयारियों का जायजा लेकर स्वयं निरीक्षण कर रहे है।
प्रशासक श्री सोनी ने बताया कि, श्री महाकालेश्वर मन्दिर में महाशिवरात्रि महापर्व पर भस्म आरती की ऑनलाइन बुकिंग अनुमति 08 एवं 09 मार्च 2024 को बन्द रहेगी।
महाशिवरात्रि महापर्व पर दूर दराज से लाखों भक्त भगवान श्री महाकालेश्वर जी के दर्शन के लिये उज्जैन आयेगें। फाल्गुन कृष्ण पंचमी गुरूवार 29 फरवरी से शिव नवरात्रि उत्सव प्रारम्भ होगा और महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी शुक्रवार 08 फरवरी को मनाया जायेगा।
फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी शनिवार 09 फरवरी को महाशिवरात्रि के दूसरे दिन भगवान के सप्तधान श्रृंगार व सवामन पुष्प मुकुट (सेहरा) दर्शन होगे तथा वर्ष में एक बार दोपहर में भगवान श्री महाकालेश्वर जी की भस्म आरती होगी। *इस दौरान श्री महाकालेश्वर भगवान के पट लगभग 44 घंटे खुले रहेगे |*
*आज से शिव नवरात्रि प्रारंभ होगी*
*श्री कोटेश्वर महादेव का होगा प्रतिदिन प्रथम पूजन*
श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री संदीप कुमार सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि, महाशिवरात्रि पर्व के नौ दिन पूर्व गुरूवार 29 फरवरी से शिव नवरात्रि पर्व श्री महाकालेश्वर मन्दिर में मनाया जायेगा। इस दौरान भगवान श्री महाकालेश्वर जी और श्री कोटेश्वर महादेव भगवान का नित्य विशेष अभिषेक और पूजन किया जायेगा। भगवान श्री महाकालेश्वर जी को हल्दी-चन्दन का उपटन लगाया जाएगा।
29 फरवरी को सर्वप्रथम श्री कोटेश्वर महादेव भगवान पर शिव पंचमी का पूजन अभिषेक प्रात: 8 बजे से 9 बजे तक होगा।
कोटेश्वर महादेव के पूजन-आरती के पश्चात भगवान महाकालेश्वर का पूजन-अभिषेक प्रारम्भ होगा। श्री महाकालेश्वर भगवान का पूजन 11 ब्राह्मणों द्वारा एकादश एकादशनी रूद्राभिषेक से सम्पूर्ण शिव नवरात्रि के दौरान किया जायेगा। इसके बाद भोग आरती होगी।
अपराह्न 3 बजे भगवान महाकालेश्वर के सांध्य पूजन के पश्चात श्रृंगार किया जायेगा। भगवान महाकालेश्वर के मुखारविन्द व आभूषण कक्ष से निकाले जाकर नये वस्त्र और आभूषण श्री गर्भगृह में विराजित भगवान श्री महाकालेश्वर को धारण कराये जायेंगे। यह क्रम 29 फरवरी के 08 मार्च शिव नवरात्रि तक नौ दिनों तक नित्य चलेगा।
*महाशिवरात्रि महापर्व पर होगी विशेष पूजन*
08 मार्च 2024 महाशिवरात्रि महापर्व पर भस्मार्ती हेतु श्री महाकालेश्वर भगवान जी के मंगल पट प्रात: 02:30 बजे खुलेगे |
भस्मारती उपरांत 07:30 से 08:15 दद्योदक आरती, 10:30 से 11:15 तक भोग आरती के पश्यात दोपहर 12 बजे से उज्जैन तहसील की ओर से पूजन-अभिषेक संपन्न होगा |
सायं 04 बजे होल्कर व सिंधिया स्टेट की ओर से पूजन व सायं पंचामृत पूजन के बाद भगवान श्री महाकालेश्वर को नित्य संध्या आरती के समान गर्म मीठे दूध का भोग लगाया जायेगा |
रात्रि में सायं 07 बजे से 10 बजे तक कोटितीर्थ कुण्ड के तट पर विराजित श्री कोटेश्वर महादेव का पूजन, सप्तधान्य अर्पण, पुष्प मुकुट श्रृंगार (सेहरा) के उपरान्त आरती की जायेगी |
रात्रि 11 बजे से सम्पूर्ण रात्रि 09 मार्च प्रात: 06 बजे तक भगवान श्री महाकालेश्वर जी का पंचामृत पूजन, भस्म लेपन, विभिन्न फलो के रसो से अभिषेक, गुलाबजल, भाँग आदि से विभिन्न मंत्रो के माध्यम से 11 ब्राह्मणों द्वारा देवादिदेव भगवान श्री महाकालेश्वर जी का अभिषेक किया जायेगा |
अभिषेक उपरांत सप्तधान्य अर्पित कर सप्तधान्य के मुखोटे से भगवान का श्रृंगार कर पुष्प मुकुट (सेहरा) बांधने के उपरांत सेहरा आरती की जायेगी व भगवान को विभिन्न मिष्ठान्न, फल आदि अर्पित किये जायेगे|
सेहरा दर्शन के उपरांत वर्ष में एक बार दिन में 12 बजे होने वाली भस्मार्ती होगी | भस्मार्ती के बाद भोग आरती होगी व शिवनवरात्रि का पारणा किया जायेगा |
09 मार्च को सायं पूजन, सायं आरती व शयन आरती के बाद भगवान के पट मंगल होगे | 11 मार्च सोमवार को सायं पूजन से शयन आरती तक भगवान श्री महाकालेश्वर के पञ्च मुखारविन्द के दर्शन होगे।
*शिव नवरात्रि के अवसर पर प्रतिदिन होगा हरि कथा का आयोजन*
शिवनवरात्रि के दौरान प्रतिदिन सायं को महाकाल परिसर स्थित सफेद मार्बल चबूतरे पर इन्दौर निवासी पं. श्री रमेश कानडकर का नारदीय कीर्तन होगा। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण में 29 फरवरी से 09 मार्च तक शिवनवरात्रि निमित्त सनृ 1909 से कानडकर परिवार, इन्दौर द्वारा वंशपरम्परानुसार 115 वर्षों से हरिकीर्तन की सेवा दी जा रही है | प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी उनकी परम्परा का निर्वहन करते हुए कथारत्न हरि भक्त पारायण पं.श्री रमेंश कानडकर जी द्वारा शिव कथा, हरि कीर्तन का आयोजन सायं 04 से 06 बजे तक मंदिर परिसर में नवग्रह मंदिर के पास संगमरमर के चबूतरे पर किया जा रहा है।