विक्रमोत्सव 2024 : फिजी के कलाकारों ने बताया राम ही सत्य हैं

उज्जैन, महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ द्वारा विक्रमादित्य, उनके युग, भारत उत्कर्ष, नवजागरण और भारत विद्या पर एकाग्र विक्रमोत्सव 2024 अंतर्गत आयोजित अनादि पर्व (1 मार्च से 9 अप्रैल 2024 तक) के नौवें दिन दो प्रस्तुतियाँ हुई। पहली प्रस्तु्ति फिजी देश से आये अंतरराष्ट्रीय श्री सत्संग रामायण मंडली की ‘राम ही सत्य है’ प्रस्तुति हुई। 60 मिनट की प्रस्तुति का उद्देश्य इस तथ्य को चित्रित करना है कि मर्यादा पुरूषोत्तम को सर्वोच्च व्यक्ति के रूप में दर्शाया गया है जो परम सत्य, सम्मान और धार्मिकता है। प्रस्तुति का मुख्य उद्देश्य आज की पीढ़ी के भीतर स्थापित धारणाओं, मानसिकता और पूर्वाग्रहों को ठीक करने का एक प्रयास है। इस मौके पर धर्मपाल शोधपीठ के निदेशक संजय यादव, मराठी अकादमी के पूर्व निदेशक गणेश बागदरे, कालिदास अकादमी के वरिष्ठ अधिकारी रहे संतोष पंड्या ने सभी कलाकारों का विक्रम पंचांग 2024-25 सप्रेम भेंट कर स्वागत किया।

*मंच पर दिखी शिव केन्द्रित कथक नृत्य की कीर्ति*

इसके पहले अनादि पर्व के मंच पर कीर्ति प्रमाणिक द्वारा शिव केंद्रित कथक नृत्य की प्रस्तुति हुई। कीर्ति और उनके साथियों ने अपनी प्रस्तुति की शुरूआत गणेश वंदना से की। फिर शिव तांडव स्त्रोत, रुद्राष्टकम, देवी स्तुति व मदन दहन नृत्य नाटिका (कामदेव भस्म) और कत्थक की जुगलबंदी शामिल रही। मंच पर क्षीतिका, सौम्या, चारवी, यशिका, प्रियांशी, वैभवी, आकृति, जीविका, साक्षी, कीर्ति थी। इसी के साथ मदन दहन आर्टिस्टों में शिव के रूप में गौरव त्रिवेदी, पार्वती के रूप में दीपिका त्रिवेदी, नारायण बने थे आयुष शर्मा, लक्ष्मी के रूप में दिखाई दी विधि द्विवेदी, नारद यश चंद्र वाला, इंद्र के रूप में मुकेश, तारकासुर-शिवम व्यास, कामदेव-अनिकेत बडेरवाल, रति- सावी शर्मा, दो साधु- किशन, महिमन व सूत्रधार के रूप में आलोक निगम थे।