उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय में आज 14.मार्च गुरूवार को राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर से पधारे प्रोफेसर डॉ. सुनील यादव ने व्याख्यान देते हुए कहा कि देहदान दान के लिये लोगों को प्रेरित करना चाहिए, जिससे महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के ज्ञान में अभिवृद्धि हो साथ ही उनके द्वारा देहदान कैसे प्राप्त करना चाहिए, किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए के साथ साथ संधि शारीर के बारे में सारगर्भित व्याख्यान दिये। संस्था के प्रधानाचार्य एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि द्वितीय सत्र में महाविद्यालय के रचना शारीर विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. योगेश वाणे द्वारा प्रमाण शारीर आज के आधुनिक युग में क्यों आवश्यक है इस पर व्याख्यान दिया। इसी प्रकार पंचकर्म विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विजय श्रीवास्तव काशी विश्वविद्यालय, वाराणसी ने कफ प्रथान व्याधि में वमनकर्म सर्वश्रेष्ठ है। वहीं डॉ. श्रीराम शर्मा एसोसिएट प्रोफेसर ने कहा कि पित्तजन्य व्याधि में विरेचन सर्वश्रेष्ठ है। उक्त जानकारी सीएमई के सचिव डॉ. नृपेन्द्र मिश्रा एवं डॉ. योगेश वाणे द्वारा दी गई।