नवीन अपराधिक नियम के विषय में उज्जैन पुलिस का जनसंदेश

उज्जैन, देश में चल रहे मेजर क्रिमिनल लॉ जैसे भारतीय दंड संहिता एवं दंड प्रक्रिया संहिता के स्थान पर न्यू क्रिमिनल लॉ लागू हो रहे हैं। भारतीय दंड संहिता जो वर्ष 1860 में लागू हुआ था, के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता दिनांक 1 जुलाई 2024 से लागू होगी, धारा 106 को छोड़कर सभी धाराएं लागू की जा रही हैं।
न्यू क्रिमिनल लॉ के लागू करने का एक कारण यह है कि पुराने क्रिमिनल लॉ दंड पर आधारित थे, जबकि नवीन अपराधिक नियम न्याय के आधार पर बनाए हैं। इसका उद्देश्य यह है कि पीड़ित को न्याय समय पर मिले। भारतीय दंड संहिता को देखें तो इसमें भारतीय न्याय संहिता में तुलनात्मक तौर पर कई धाराएं भी जोड़ी गई हैं। कुछ धाराएं निरस्त भी की गई है कारावास की अवधि, जुर्माना भी बढ़ाई गई है। कई नई चीज़ इसमें है यह है कि इसमें सामुदायिक सेवा भी जोड़ी गयी है। महिला एवं बालक संबंधित अपराध जोड़े गए हैं।

दंड प्रक्रिया संहिता के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता लागू की जा रही है। अपराधों को टाइमलाइन दी गई है, धाराओं को जोड़ा एवं हटाया गया है गवाहों की सुरक्षा एवं इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को जोड़ा गया है। ऑडियो, वीडियो, विजुअल सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को किस तरह से प्रस्तुत करना है उल्लेख है। समंस वारंट को नए तरीके से परिभाषित किया गया है।
इसी तरह इंडियन एविडेंस एक्ट के स्थान पर भारतीय साक्ष्य अधिनियम बनाया गया है। नए युग में जो डिजिटलाइजेशन हो रहा है, इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस की बात हो रही है, तकनीकी प्रगति हुई है, इस संबंध में भारतीय साक्ष्य अधिनियम में समावेश किया है।
संपूर्ण देश में दिनांक 1 जुलाई 2024 से नवीन अपराधिक नियम के तीन अधिनियम लागू होंगे, अपराधिक न्याय व्यवस्था सक्रिय रहेगी, पीड़ित को न्याय मिलेगा, इस हेतु संबंधित सभी कार्यालय एवं अधिकारियों को प्रशिक्षित एवं उपकरण अपडेट किए गए हैं।
उज्जैन पुलिस द्वारा नवीन अपराधिक नियम संबंधी जानकारी के लिए जनसंदेश जारी किया गया है।