उज्जैन। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.अशोक कुमार पटेल ने बताया कि 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर जिला स्तर पर जन-जागृति रैली का आयोजन किया गया।
जन-जागृति रैली सीएमएचओ कार्यालय से प्रारंभ होकर विभिन्न मार्गों से गुजरी। जन-जागृति रैली को सीएमएचओ डॉ.अशोक कुमार पटेल द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। रैली मे नर्सिंग की छात्राएं हाथों में तख्तियां लेकर चल रही थीं, जिसके माध्यम से परिवार नियोजन का प्रचार-प्रसार किया जा रहा था। रैली में डॉ.के.सी.परमार जिला स्वास्थ्य अधिकारी-02, डॉ.एस.के.अखण्ड जिला स्वास्थ्य अधिकारी-03, डॉ.आर.के.पाल जिला टीकाकरण अधिकारी, डॉ.रेणुका डामोर जिला क्षय अधिकारी, डॉ.आदित्य माथुर एपिडिमियोलॉजिस्ट सहित अधिकारी, कर्मचारी व नर्सिंग महाविद्यालय की छात्राएं शामिल हुई।
उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के रूप मे मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य लोगों के बीच में बढ़ती हुई जनसंख्या के दुष्परिणामों से अवगत कराना है। आज की परिस्थतियों में यह आवश्यक है कि हम विकराल रूप ले चुकी जनसंख्या को नियंत्रित करने हेतु प्रभावी कदम उठायें। इसके लिये शासन द्वारा अनेक प्रकार की परिवार नियोजन कार्यक्रमों/योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। जनसंख्या को स्थिर करने के लिये चार महत्वपूर्ण कारक हैं, जिनके बारे में हमें दम्पत्तियों को एवं अन्य लोगों को जानकारी प्रदान करना है। विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर 11 जुलाई से 11 अगस्त तक विश्व जनसंख्या दिवस अभियान मनाया जायेगा। जिसके अन्तर्गत व्यक्तिगत संपर्क के माध्यम से सभी चिन्हित लक्ष्य दम्पत्तियो से संपर्क कर उन्हें प्रेरित करना, आमजन के मध्य परिवार नियोजन के साधनों के विषय में जानकारी प्रदाय की जाने की सुविधा, जिसमे वे अपनी पसंद का साधन का उपयोग कर सकें।
परिवार नियोजन की सेवाओं की पहुंच जन-समुदाय को न होने के कारण अवांछित गर्भधारण में वृद्धि के कारण मातृ मृत्यु दर, स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं एवं नवजात के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए मातृ व प्रजनन स्वास्थ्य सेवाएं मुख्य रूप से आपातकालीन गर्भनिरोधक सहित आधुनिक लघुकालीन और दीर्धकालीन गर्भनिरोधकों, स्थायी परिवार नियोजन साधनों, सूचना, परामर्श और सेवाएं प्रदान करने पर ध्यान केन्द्रित करती है। यह गर्भावस्था के सकारात्मक परिणाम सुनिश्चित करने के लिए बच्चों के जन्म के बीच अंतर व उनके समुचित स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है। विश्व जनसंख्या दिवस अभियान के दौरान जन-समुदाय में जागरूकता बढ़ाने, नवाचारों के माध्यम से परिवार नियोजन के महत्व पर व्यापक प्रचार-प्रसार व सेवाप्रदायगी के माध्यम से परिवार कल्याण कार्यक्रम को सार्थक किया जा सकता है।