उज्जैन । संभागायुक्त श्री संजय गुप्ता शनिवार को शासकीय धन्वंतरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के सभाकक्ष में ‘वैज्ञानिक लेखन, शोध अखण्डता और प्रकाशन नैतिकता’ पर आधारित तीन दिवसीय कार्यशाला के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। समारोह की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.जेपी चौरसिया ने की।
संभागायुक्त श्री गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि तीन दिवसीय कार्यशाला का जो फीडबेक मिला है, वह यहां के आयोजकों की मेहनत का ही परिणाम है। हम सबके लिये यह अत्यन्त प्रसन्नता का विषय है कि इस प्रकार के ज्ञानवर्धक आयोजन निरन्तर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि शोध अखण्डता का शिक्षा के सभी क्षेत्रों मे विशेष महत्व रहता है। कार्यशाला का आयोजन बहुत अच्छे विषय पर किया गया है। बौद्धिक, शारीरिक और मानसिक विकास के लिये इस प्रकार के आयोजन अत्यन्त प्रेरणादायी होते हैं। संभागायुक्त ने सभी प्रतिभागियों और व्याख्याताओं को अपनी ओर से शुभकामनाएं दी।
उल्लेखनीय है कि यह कार्यशाला राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग नईदिल्ली द्वारा प्रायोजित और शासकीय धन्वंतरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा आयोजित की गई थी। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के द्वारा इस कार्यशाला के आयोजन हेतु मध्य प्रदेश में भोपाल और उज्जैन को चुना गया था।
कार्यशाला के समापन समारोह में जानकारी दी गई कि देश के विभिन्न प्रान्तों से 22 पीजी गाईड और 10 मास्टर ट्रेनर्स ने इसमें सहभागिता की है। समापन सत्र के मुख्य व्याख्याता राष्ट्रीय यूनानी संस्थान बैंगलोर के डॉ.अलीमुद्दीन कमरी थे। स्वागत भाषण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.जेपी चौरसिया ने दिया।
डॉ.योगेश वाणे ने तीन दिवसीय कार्यशाला के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस अवधि में छह सत्रों में 20 व्याख्यान हुए। इसमें देश के विभिन्न प्रान्तों से आये व्याख्याताओं ने सहभागिता की। इसके पश्चात बाहर से आये हुए व्याख्याताओं द्वारा कार्यशाला में उनके अनुभव साझा किये गये।
महाविद्यालय के प्राचार्य और अन्य स्टाफ के द्वारा संभागायुक्त श्री गुप्ता का शाल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्रोफेसर श्री शिरोमणि मिश्रा ने किया और आभार प्रदर्शन पंचकर्म चिकित्सा के प्रो.नृपेंद्र मिश्रा ने किया।