राजसी थाठ-बाट से से निकली श्री उमा माता की सवारी, वर्ष में एक बार निकलती है

उज्‍जैन । श्री महाकालेश्वर मंदिर में 28 अक्‍टूबर से 02 अक्‍टूबर तक चले उमा सॉझी महोत्सव में भगवान श्री महाकालेश्‍वर की भॉति वर्ष में एक बार निकलने वाली श्री उमा माता जी की सवारी सायं 04:00 बजे श्री महाकालेश्वर मंदिर से राजसी थाठ-बाट से निकाली गयी।

पंच दिवसीय उमासाँझी महोत्सव के पश्चात अश्विन शुक्ल द्वितीया (चन्द्र दर्शन) को परम्परानुसार उमामाता जी की सवारी नगर भ्रमण पर निकली | सवारी के पूर्व सभा मण्डप में पूजन पश्यात श्री उमा माता की पालकी को नगर भ्रमण की ओर रवाना किया।

पालकी जैसे ही श्री महाकालेश्‍वर मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची, मध्य प्रदेश सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा श्री उमा माता को सलामी देने के बाद पालकी ने नगर भ्रमण की ओर प्रस्‍थान किया। पालकी में विराजित भगवान श्री उमा माता के दशर्न लाभ सवारी मार्ग के दोनों ओर खडे श्रद्धालुओं ने लिया।

पालकी में श्री उमा माता की रजत की प्रतिमा, व डोल रथ पर गरूड पर माताजी (पीतल की प्रतिमा) तथा भगवान श्री महेश विराजित होकर निकले।

सवारी श्री महाकालेश्‍वर मंदिर से प्रारंभ होकर श्री महाकाल चौराहा, महाकाल घाटी, तोपखाना, दौलतगंज चौराहा, नईसड़क, कंठाल, सराफा, छत्रीचौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा, बक्षीबाजार, कार्तिक चौक एवं मोढ़ की धर्मशाला, रामानुज कोट होते हुए क्षिप्रा तट पर पहुची । यहाँ जवारे व संजा विसर्जन एवं पूजन के पश्चात् सवारी कहारवाड़ी, बक्षी बाजार एवं महाकाल रोड़ होते हुए श्री महाकालेश्वर मन्दिर वापस आयी |