उज्जैन। कुछ न हासिल हो सका, जी-जी के मर जाने के बाद/ अपना साया भी मिला है धूप में आने के बाद उक्त पंक्तियाँ जब ख्यात शायर आशीष श्रीवास्तव अश्क ने सरल काव्यांजलि संस्था की मासिक गोष्ठी में पढ़ीं तो सभी वाह-वाह कर उठे। जानकारी देते हुए संस्था की श्रीमती माया बदेका ने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता ख्यात शायर, शिक्षाविद् डॉ. रफीक नागौरी ने की। कार्यक्रम में जिला अस्पताल उज्जैन के सिविल सर्जन डॉ. अजय दिवाकर, पत्रकार इंदरसिंह चौधरी और समाजसेवी महेश जूनवाल का सम्मान किया गया। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक, ख्यात समालोचक डॉ. शैलेंद्रकुमार शर्मा ने कहा कि सरल काव्यांजलि संस्था नहीं, एक परिवार है। डॉ. अजय दिवाकर ने कहा कि उज्जैन सिविल अस्पताल (चरक भवन) में व्यवस्था के सुधार हेतु लगातार नवाचार जारी हैं ताकि चरक अस्पताल प्रदेश का सबसे शानदार शासकीय अस्पताल बन सके। विशेष अतिथि भारतीय किसान संघ की प्रदेश महिला प्रमुख श्रीमती गिरजा ठाकुर ने संस्था को अपनी शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर आयोजित काव्य गोष्ठी में डॉ. एस.एस.यादव ने आप तो ऐसे ना थे हम ही ना समझ पाए तुम्हें सुगनचन्द्र जैन ने माता पिता की जान बेटियाँ सन्तोष सुपेकर ने क्या लिखूँ मैं अब कोई नयी कविता? और दीप-गान (कविता) सुनाई। डॉ. नेत्रा रावणकर ने नारी विमर्श पर सशक्त रचना का पाठ किया, राजेंद्र देवधरे दर्पण ने पुलिस पर शानदार व्यंग्य पढ़ा। वी.एस. गहलोत साकित उज्जैनी ने जिंदा है मगर जिंदगी से दूर रहे हम/नसीब से लड़ते रहे मजबूर रहे हम डॉ. पुष्पा चौरसिया ने चिंता चिता समान है दे गए ज्ञानी ज्ञान सुनाई। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. रफीक नागौरी ने आईने को ना दीजिए इल्जाम/आइना झूठ बोलता ही नहीं सुनाई। धनसिंह चौहान ने हास्य व्यंग्य की रचनाएं पढ़ीं। मानसिंह शरद ने रिश्तों को तम ने घेरा है /दीप जलाओ बड़ा अंधेरा है और डॉ. प्रभाकर शर्मा ने कविता- इतनी बार मरा हूँ मैं सुनाई।
प्रारम्भ में अतिथि स्वागत प्रदीप सरल, मुक्तेश मनावत, श्रीमती सुमन नागर और तेजकुमार मालवीय ने किया, सन्तोष सुपेकर ने अमर शहीद अशफाक्उल्ला खान की जयन्ती के अवसर पर उनकी ही पंक्तियाँ -कस ली है कमर अब तो कुछ करके दिखाएंगे सुनाई। सरस्वती वंदना डॉ. एस.एस.यादव ने प्रस्तुत की, संस्था की परंपरा अनुसार राष्ट्रकवि श्रीकृष्ण सरल जी की कविता अपना हिंदुस्तान है का वाचन डॉ. नेत्रा रावणकर ने किया। इस माह के जन्म दिवस वाले सदस्यों डॉ. शैलेंद्रकुमार शर्मा, सुखराम सिंह तोमर और आर.जे. पटेल का स्वागत किया गया। दो मिनट का मौन रखकर हाल ही में दिवंगत हुए वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. प्रभातकुमार भट्टाचार्य और वेद हिमांशु को श्रद्धाञ्जलि अर्पित की गयी। कार्यक्रम का संचालन सचिव मानसिंह शरद ने किया और अन्त में आभार संस्था अध्यक्ष डॉ. संजय नागर ने माना।