उज्जैन, श्री महाकालेश्वर मंदिर से 14 नवम्बर वैकुण्ठ चतुर्दशी की रात्रि 11 बजे हरिहर भेट की सवारी निकाली गयी।
कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष वैकुण्ठ चतुर्दशी पर श्री हर ने (श्री महाकालेश्वर) श्री हरि (श्री गोपाल) को सृष्टि का भार सौपा।
*श्री हरि की हुई श्री हर से भेंट इस नयनाभिराम दृश्य के साक्षी उज्जैन की भक्तवत्सल प्रजा बनी*
14 दिसम्बर को रात्रि 11 बजे भगवान श्री मनमहेश जी के स्वरूप में रजत पालकी में विराजमान होकर श्री हरि श्री द्वारकाधीश जी से भेंट करने गोपाल मंदिर गए और चातुर्मास उपरान्त उनको सम्पूर्ण सृष्टि कार्यभार सौपा।
भगवान श्री महाकालेश्वर जी की सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर से महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, पटनी बाजार होते हुए गोपाल मंदिर पहुची।
जहॉ शासकीय पुजारी श्री घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में पूजन के दौरान बाबा श्री महाकालेश्वर की ओर से बिल्वपत्र की माला श्री गोपाल जी को भेंट की गयी एवं वैकुण्ठनाथ अर्थात श्री हरि तुलसी की माला बाबा श्री महाकालेश्वर को भेंट की। पूजन के बाद सवारी पुन: इसी मार्ग से श्री महाकालेश्वर मंदिर वापस आयी।
सवारी के साथ श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर श्री नीरज कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री प्रदीप शर्मा, प्रशासक श्री गणेश कुमार धाकड़, श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी/पुरोहित पर्याप्त संख्या में पुलिस बल, नगर सैनिक, विशेष सशस्त्र बल की टुकडियॉ तथा पुलिस बैंड आदि सम्मिलित थे।