फर्जी पुलिस आईडी. कार्ड बनवाकर करता था धोखाधड़ी

उज्जैन, थाना राधवी पर फरियादी निवासी नागझीरी व निवासी ढाँचा भवन उज्जैन ने रिपोर्ट किया कि विशाल पिता अजय निवासी ग्राम जगोटी थाना राघवी द्वारा स्वयं को पुलिस विभाग में पुलिस अधिकारी बताकर फर्जी तरीके से प्राधिकरण की कॉलोनी शिवांगी परिसर में प्लॉट दिलवाने के नाम पर कुल 13,55,000 लाख रुपए की धोखाधड़ी किया। रिपोर्ट पर से आरोपी के विरूद्ध थाना राघवी पर अप. क्र. 192/2024 धारा 420, 419, 406 भादवि का कायम कर अनुसंधान में लिया गया।
पुलिस द्वारा की गई कार्यावाहीः रिपोर्ट पर से आरोपी की गिरफ्तारी हेतु टीम का गठन किया गया व साथ ही आरोपी के अलग अलग
ठिकानों पर दबिश दी गई उक्त टीम द्वारा मुखबिर सूचना व तकनीकी सहायता से आरोपी विशाल उर्फ लखन पिता अजय उम्र 28 साल निवासी ग्राम जगोटी हाल मुकाम न्यू देवास कालोनी डी. मार्ट के पास महाकाल बिल्डिंग जिला देवास को रेलवे स्टेशन प्लेट फार्म नं. 6 के बाहर नीलगंगा रोड़ उज्जैन से नाकाबंदी कर गिरफ्तार किया गया। आरोपी से पूछताछ करते आरोपी द्वारा अब तक 14 लोगों से अलग- अलग जगहों से लाखों की धोखाधड़ी करना स्वीकार किया।
आरोपी विशाल की तलाशी लेते कब्जे से उसका आधार कार्ड, एस.बी.आई. का एटीएम कार्ड, पेन कार्ड, कर्नाटक बैंक एटीएम कार्ड, वीवो कम्पनी का एक मोबाईल तथा म.प्र.पुलिस की वर्दी में फोटो युक्त म.प्र. पुलिस का मोनो वाला आई. डी. कार्ड, एवं नगदी 25000 रुपये जप्त को जप्त किया गया। आरोपी द्वारा बनाए गए फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट की जाँच की जा रही है।

तरीका-ए- वारदातः – आरोपी विशाल उर्फ लखन ने जालसाजी और धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए बड़े ही सुनियोजित तरीके अपनाए। उसने जिला शाजापुर से पुलिस विभाग का आरक्षक पद का फर्जी पुलिस आईडी कार्ड बनवाया और इसे अपनी असली पहचान की तरह इस्तेमाल किया। आरोपी पुलिस की वर्दी पहनकर खुद को एक सच्चा पुलिसकर्मी दिखाता था, जिससे आम जनता उस पर भरोसा कर लेती थी। इसके अलावा, वह इंस्टाग्राम पर पुलिस की वर्दी में अपनी तस्वीरें पोस्ट करता था, जिससे वह खुद को प्रभावशाली और भरोसेमंद अधिकारी के रूप में प्रस्तुत कर सकता था।

विशाल ने अपनी योजनाओं को और मजबूत बनाने के लिए प्राधिकरण की कॉलोनी, शिवांगी परिसर, उज्जैन का इस्तेमाल किया। उसने वहां यह झूठ फैलाया कि उसकी प्राधिकरण के सी.ई.ओ. से अच्छी पकड़ है। इसी झूठे दावे के आधार पर वह लोगों को बाजार मूल्य से कम कीमत पर प्लॉट दिलाने का झांसा देता था। इस तरह के आकर्षक प्रस्ताव से उसने कई लोगों को अपने जाल में फंसाया। पीड़ितों को विश्वास दिलाने के लिए उसने अपने पुलिसकर्मी होने का झूठा रुतबा भी इस्तेमाल किया।

यह धोखाधड़ी की एक चौंकाने वाली प्रक्रिया थी, जिसमें आरोपी ने न केवल नकली दस्तावेजों और वर्दी का उपयोग किया, बल्कि सोशल मीडिया और झूठे दावों का सहारा लेकर लोगों को ठगा। उसका यह जालसाजी का तरीका उसे धोखाधड़ी करने में आसानी से सफल बना देता था।

ठगी की राशि का विवरणः विशाल ने प्लॉट और दुकान दिलाने का झांसा देकर निम्नलिखित व्यक्तियों से कुल 34,17,000/-रूपये की ठगी की –

फरियादी निलेश चौहान से प्लाट व दुकान दिलवाने के नाम पर 1005000 रुपये
फरियादी भूपेश से 300000 रुपये,
फरियादी शुभम गुप्ता से 370000 रुपये प्लॉट के नाम पर
फरियादी कृष्णकांत शर्मा से 288000 रुपये दुकान के नाम पर
फरियादी कमल प्रजापत से 144000 रुपये प्लॉट के नाम पर
फरियादी लाखनसिहं चौधरी से 100000 रुपये,
फरियादी लक्ष्मण शर्मा से 60000 रुपये, अशोक,
फरियादी जाग्रति से 120000 रुपये,
फरियादी पाठक जी 20000 रुपये,
फरियादी विक्रम पटेल से 200000 रुपये,
फरियादी लेखराज गोपलानी से 60000 रुपये,
फरियादी विकास पटेल से 300000 रुपये,
फरियादी अमित पोरवाल से 300000 रुपये,
फरियादी जबरियाजी से 150000 रुपये

सराहनीय भूमिकाः थाना प्रभारी राघवी उनि वीरेन्द्रसिहं, प्र.आर. 1044 राजेन्द्रसिहं आर. 786 रविन्द्रसिहं सेगर, आर. 1136 अरविन्द यादव, आर. 1459 जितेन्द्रसिहं, सैनिक 612 महेन्द्रसिहं, सैनिक 312 घनश्यामसिहं की सराहनीय भूमिका रही।