उज्जैन, स्कूल प्रबंधन एवं प्राचार्यों द्वारा एनसीआरटी / एसीईआरटी से संबंधित पुस्तकों के साथ अन्य प्रकाशकों की अधिक मूल्य की पुस्तके एवं अन्य सामग्री क्रय करने हेतु पालकों पर अनुचित दबाव बनाया जाकर विषयवार एनसीईआरटी / सीबीएसई / एससीईआरटी मुद्रित व निर्धारित पाठ्यक्रम की पाठ्य पुस्तकों के स्थान पर अन्य प्रकाशकों की पाठ्य पुस्तकों को चयन कर अभिभावक को दुकान विशेष / निर्धारित स्थान से पाठ्य पुस्तकों व अन्य शैक्षिक सामग्री यूनिफार्म क्रय करने हेतु अप्रत्यक्ष रूप से बाध्य किया जा रहा है।
इस संबंध में म.प्र. निजी विद्यालय (फीस तथा अन्य संबंधित ठिषयों का विनियम) अधिनियम 2017 की धारा 6 (संबंधित विषय ऐसी रीति में विनियमित किए जाएंगे जैसी कि विहित की जाए। एवं धारा 9 (फीस की वृद्धि और संबंधित विषयों के बारे में शिकायतों का निपटारा) तथा म.प्र निजी विद्यालय (फीस तथा अन्य संबंधित विषयों का विनियमन) नियम 2020 के नियम 6 एवं 9 के अनुसार कार्यवाही की जायेगी। म.प्र. निजी विद्यालय (फीस तथा अन्य संबधित विषयों विनियमन) नियम 2020 के नियम 6 (1) (घ) निजी विद्यालय प्रबंधन द्वारा छात्र या अभिभावकों का पुस्तकें, यूनिफार्म, टाई, जूते, कॉपी आदि केवल चयनित विक्रेताओं से क्रय करने के लिए औपचारिक अथवा अनौपचारिक, किसी भी रूप में बाध्य नहीं किया जाएगा। छात्र या अभिभावक इन सामग्रियों को खुले बाजार से कय करने के लिये स्वतंत्र होगे।
उज्जैन शहर एवं जिले के निजी स्कूलों द्वारा की जा रही एकाधिकारी प्रवृत्ति से लोक प्रशान्ति विक्षुब्ध न हो तथा इसका निवारण अत्यन्त वांछनीय होने से, इसे रोकने हेतु कार्यवाही की जाना आवश्यक प्रतीत होता है साथ ही विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह समाधान है। अधिकांश निजी विद्यालयों में प्रवेश प्रकिया प्रारंभ हो गयी है। अतः विनियमन की कार्यवाही तत्काल की जाना आवश्यक है।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी, जिला उज्जैन भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 (1) के तहत स्कूल संचालकों, प्रकाशकों एवं विक्रेताओं एकाधिकार को समाप्त करने के लिए यह निर्देश जारी किए जा रहे है। स्कूल संचालक/प्राचार्य स्कूल में संचालित प्रत्येक कक्षा के लिये अनिवार्य पुस्तकों की सूची विद्यालय के परीक्षा परिणाम के पूर्व अपने स्कूल की वेबसाईट पर अनिवार्य रूप से अपलोड करेंगे एवं अपने स्कूल परिसर में सार्वजनिक स्थान पर चस्पा करेंगे। मान्यता नियमों के अंतर्गत वेबसाईट होना अनिवार्य है। साथ ही पुस्तकों की सूची की एक प्रति प्रवेशित अभिभावकों को प्रवेश के समय एवं परीक्षा परिणाम के समय तक उपलब्ध करायेगे।स्कूल संचालक/प्राचार्य, विद्यार्थी एवं उनके अभिभावकों को सूचीबद्ध पुस्तकें, परिणाम अथवा उसके पूर्व क्रय किये जाने हेतु बाध्य नहीं करेंगें अभिभावक पुस्तकों की उपलब्धता के आधार पर 15 जून 2025 तक कय कर सकेगें। ऐसी स्थिति में अप्रैल माह में प्रारंभ होने वाले शैक्षणिक सत्र प्रथम तीस दिवस की अवधि 01 अप्रैल 2025 से 30 अप्रैल 2025 तक के मध्य का उपयोग विद्यार्थियों के ओरिएंटेशन, व्यावहारिक व मनोवैज्ञानिक पद्धति से शिक्षण में किया जा सकता है। स्कूल संचालक जिस नियामक बोर्ड यथा सीबीएसई / आई. सी. एस. ई./ माध्यमिक शिक्षा मण्डल से संबद्ध है, उस के द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम व पाठ्यक्रम के अंतर्गत नियामक संस्था अथवा उसके द्वारा विधिक रूप से अधिकृत एजेंसी यथा-एनसीईआरटी पाठ्चक पुस्तक निगम आदि के द्वारा प्रकाशित एवं मुदित पुस्तकों के अतिरिक्त अन्य प्रकाशकों / मुद्रको द्वारा प्रकाशित की जाने वाली पुस्तकों को विद्यालय में अध्यापन हेतु प्रतिबंधित करेंगे।स्कूल संचालक सुनिश्चित करेंगे कि उक्त के अतिरिक्त अन्य विषयों जैसे नैतिक शिक्षा, सामान्य ज्ञान, कम्प्यूटर आदि की प्रकाशकों / मुद्रकों द्वारा प्रकाशित पुस्तके कव करने हेतु बाध्य नहीं किया जायेगा।निजी विद्यालय प्रबंधन, परिवहन सुविधाओं के सबंध में परिवहन विभाग एवं स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन करेगा।निजी स्कूल संचालक द्वारा विद्यार्थियों / अभिभावकों को पुस्तकें, कापियों संपूर्ण यूनिफार्म आदि संबंधित स्कूल / संस्था अथवा किसी भी एक दुकान / विक्रेता / संस्था विशेष से कय किये जाने हेतु बाध्य नहीं किया जावेगा।स्कूल संचालक पालक शिक्षक संघ (PTM) अथवा अन्य अवसरों पर सुनिश्चित करेंगें कि निजी प्रकाशक/मुद्रक/विकेता स्कूल परिसर के भीतर प्रचार-प्रसार हेतु किसी भी स्थिति में प्रवेश नहीं करेंगें।स्कूल संचालक/विक्रेता द्वारा पुस्तकों के रोट की कीमत बढ़ाने हेतु अनावश्यक सामग्री जो निर्धारित पाठ्यक्रम रो संबंधित नहीं है, का समावेश सेट में नहीं किया जागेगा। कोई भी विक्रेता किसी भी कक्षा के पूरे रोट को कच करने की बाध्यता नहीं रखेगा। यदि किसी विद्यार्थी के पास पुरानी किताबें उपलब्ध हो तो उसके केवल उसकी आवश्यकता की पुस्तकें को ही विक्रेता द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा। नोट बुक (कॉपी) पर ग्रेड किस्म साईज, मूल्य, पेज की संख्या आदि की जानकारी स्पष्ट रूप से उल्लेखित होना चाहिए।कोई भी विद्यालय अधिकतम दो से अधिक यूनिफॉर्म निर्धारित नहीं कर सकेंगे,ब्लेजर इसके अतिरिक्त होगा। विद्यालय प्रशासन द्वारा स्कूल यूनिफार्म का निर्धारण इस प्रकार किया जायेगा कि कम से कम 03 रात्र तक उसमे परिवर्तन नहीं हो। विद्यालय प्रशासन द्वारा वार्षिकोत्सव या अन्य किसी आयोजन पर किसी भी प्रकार की वेशभूषा को विद्यार्थियों / पालकों को तय करने हेतु बाध्य नहीं करेंगे। जिन विषयों को संबंध में नियामक सरणागी द्वारा कोई पुस्तक प्रकाशित/मुदित नहीं की गई है उस पुस्तक को अनुमति करने के पूर्व स्कूल संचालक सुनिश्चित करेंगे कि उक्त पुस्तक में ऐसी कोई आपतिजनक सामग्री नहीं हो जिससे लोक शांति भंग होने की संभावना हो।
चूंकि यह आदेश आम जनता के महत्व का है तथा आम जनता को संबोधित है, जिसकी व्यक्तिशः सूचना दी जाना संभव नहीं होने से भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 183 (2) के तहत एक पक्षीय आदेश पारित किया जाता है। कोई भी व्यक्ति इत संबंध में अपनी आपत्ति/आवेदन भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163(5) के तहत मुझे प्रस्तुत कर सकेगा।
यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा तथा इसका उल्लघंन करने वाले व्यक्ति/संस्था/आयोजक के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के अंतर्गत कार्यवाही की जा सकेंगी । विद्यालय द्वारा इस आदेश की अवहेलना किये जाने पर शाला के प्राचार्य/संचालक के साथ ही शाला प्रबंधक / बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के समस्त सदस्य भी दोषी होगें। आमजन इस आदेश का उल्लघंन होने संबंधी शिकायत कमाण्ड कंट्रोल रूम के दूरभाष क्रमांक 0734-2520711 पर सूचित कर सकेंगें।
यह आदेश उज्जैन जिले की राजस्व क्षेत्र में दिनांक 27/02/2025 से आगामी 02 माह के लिये लागू रहेगा। जिले के समस्त विद्यालय अपने नोटिस बोर्ड पर उक्त सूचना चस्पा करें। विद्यालय के प्राचार्य उक्त आदेशों की जानकारी प्रबंधकों की प्रथम बैठक में सविस्तार करें।