उज्जैन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक कुमार पटेल ने जानकारी दी कि प्रदेश उपचारगृह तथा रूजोपचार सबंधी संस्थाएं रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन अधिनियम 1973 के तहत राज्य में संचालित सभी निजी क्लीनिकों एवं नर्सिंग होम का पंजीकरण एवं अनुज्ञापन अनिवार्य है। यह पंजीयन सभी चिकित्सा पद्धतियों पर लागू है एलोपैथी, आयुष एवं फिजियोथेरेपी।
क्लीनिक और नर्सिंग होम की परिभाषा – क्लीनिक वह स्थान होते है जहां केवल परामर्श सेवाएं दी जाती है, वहां मरीज को भर्ती नहीं किया जाता, ना ही कोई चिकित्सा प्रक्रिया प्रोसीजर की जाती है, और ना ही वहां बेड लगाए जाते है। नर्सिंग होम/अस्पताल वह स्थान होते है जहां विभिन्न प्रकार की चिकित्सा प्रक्रिया की जाती है, मरीजों को भर्ती किया जाता है तथा वहीं बेड़ की व्यवस्था होती है। आज दिनांक तक उज्जैन जिले में केवल 281 क्लीनिक पंजीकृत है। उज्जैन जिले के शेष सभी क्लीनिक संचालकों को सूचित किया जाता है कि वे एमपी ऑनलाइन के माध्यम से नर्सिंग होम क्षेत्र पोर्टल पर जाकर शीघ्र पंजीयन हेतु आवेदन करें।
ऑनलाईन पंजीयन हेतु आवश्यक दस्तावेज़:- क्लीनिक का नक्शा। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की एनओसी। संचालक डॉक्टर की डिग्री एवं वैध रजिस्ट्रेशन। स्टाफ की शैक्षणिक योग्यताएं एवं रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र। यदि रेडियोलॉजी क्लीनिक है तो AERB प्रमाण पत्र। रेडियोलॉजिस्ट एवं पैथोलॉजिस्ट का स्टांप पेपर पर घोषणा पत्र, जिसमें यह स्पष्ट हो कि वे स्वयं की प्रयोगशाला के अतिरिक्त केवल एक अतिरिक्त प्रयोगशाला में विजिटिंग पैथोलाजिस्ट के रूप में अपनी सेवायें दे।
नागरिकों से अपील है कि जब भी आप किसी क्लीनिक में जाए तो वहाँ क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र अवश्य देखें, यह भी देखें कि यह कब तक वैध है और किस प्रारूप में जारी किया गया है। यदि किसी क्लीनिक नर्सिंग होम में रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र प्रदर्शित नहीं किया गया है तो यहा की सेवायें न ले व इस संबंध में शिकायत सी.एम.एच.ओ. डॉ.अशोक कुमार पटेल मो.न. 9425101106 से करें।