पुलिस अधीक्षक उज्जैन द्वारा किया गया ट्रैफिक थाने का औचक निरीक्षण, यातायात व्यवस्था सुधार को लेकर दिए निर्देश

उज्जैन, पुलिस अधीक्षक उज्जैन द्वारा आज ट्रैफिक थाना उज्जैन का औचक निरीक्षण किया गया। इस अवसर पर ट्रैफिक डीएसपी सहित अन्य अधिकारीगण एवं थाना यातायात के पुलिस जवान उपस्थित रहे।

निरीक्षण के उपरांत पुलिस अधीक्षक ने यातायात प्रबंधन को लेकर एक समीक्षा बैठक आयोजित की। बैठक में जिले की यातायात संबंधी समस्याओं और उनके संभावित समाधानों पर गहन चर्चा की गई।

*▪️मुख्य बिंदु एवं निर्देश:*

01. पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट निर्देश दिए कि शहर में उन प्रमुख स्थानों की पहचान की जाए जहां पर प्रायः यातायात जाम की स्थिति बनती है।

02. इन चिन्हित स्थानों पर विशेष *क्यूआरटी (क्विक रिस्पांस टीम)* गठित की जाएगी। ये टीमें जाम की सूचना मिलते ही तत्काल मौके पर पहुंचकर प्राथमिकता के आधार पर यातायात व्यवस्था को सुचारु करेंगी।

03. जहां दिन के विभिन्न समयों में यातायात का दबाव बदलता है, वहां क्यूआरटी टीमों को रोटेशन के आधार पर तैनात किया जाएगा, जिससे समयानुसार यातायात का प्रबंधन बेहतर तरीके से किया जा सके।

*▪️कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारियों को प्रोत्साहन स्वरूप नकद पुरस्कार*

पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा अपने उत्कृष्ट कार्य हेतु ट्रैफिक बल के प्रत्येक पुलिसकर्मी को ₹1,000 की नकद राशि से पुरस्कृत किया गया। साथ ही, विशेष परिचालन दक्षता दिखाने वाली “चार्ली-9 टीम” को ₹10,000 का नकद पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया।
यह प्रोत्साहन उन सभी पुलिसकर्मियों के लिए प्रेरणा है जो निष्ठा, अनुशासन और सेवा-भाव से अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं।

पुलिस अधीक्षक ने बताया की उपकरणों का उपयोग प्रत्येक ट्रैफिक पुलिसकर्मी के लिए न केवल कर्तव्य का हिस्सा है, बल्कि उनकी स्वयं की सुरक्षा के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। ड्यूटी के दौरान रिफ्लेक्टिव जैकेट, वॉकी-टॉकी, स्टिक, ट्रैफिक कोन, सीटी आदि का नियमित और सही ढंग से उपयोग किया जाना चाहिए ताकि कार्यक्षमता बढ़े और दुर्घटनाओं की संभावना घटे। सभी कर्मियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने सभी उपकरणों को सदैव क्रियाशील और सुव्यवस्थित स्थिति में रखें तथा ड्यूटी पर जाते समय पूरे सुरक्षा साधनों के साथ तैयार रहें। सुरक्षा उपकरणों का उपयोग स्वयं की सुरक्षा के साथ-साथ यातायात व्यवस्था को भी प्रभावी बनाता है।

*▪️पुलिस अधीक्षक ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे नियमित रूप से फील्ड में रहकर यातायात व्यवस्था पर निगरानी रखें और नागरिकों को किसी भी प्रकार की असुविधा से बचाने हेतु तत्परता से कार्य करें ।