उज्जैन, कोठी परिसर में प्रदर्शन के दौरान किलो की शैय्या पर लेटकर परसराम कपाड़िया ने बताया की स्कूल शिक्षा विभाग म.प्र. में 1998 से निरंतर कार्यरत शिक्षाकर्मी, गुरुजी, संविदा शिक्षक से 1/04/2007 को अध्यापक संवर्ग में संविलियन पश्चात् 01 जुलाई 2018 को पुनः स्कूल शिक्षा विभाग/जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत गठित (राज्य शिक्षा सेवा) नवीन शैक्षणिक संवर्ग के शिक्षकों की अध्यापक संवर्ग में की गई पिछली सेवा को निरंतर मानते हुए म.प्र. राज्य स्कूल शिक्षा सेवा के नवीन शैक्षणिक संवर्ग में सुसंगत पर्दो प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक के पदों पर स्थानापन्न नियुक्ति प्रदान की गई है। किन्तु वित्त विभाग की IFMIS पोर्टल पर दिनांक 01/07/2018 नवीन नियुक्ति दिनांक दर्ज होने से पिछली सेवा अवधि की गणना का लाभ वर्तमान प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक सेवा में नहीं होने के कारण सेवानिवृत्त एवं दिवंगत शिक्षकों के आश्रित परिवारों को सेवा उपादान (ग्रेच्युटी), अवकाश नगदीकरण आदि के भुगतान में प्रथम नियुक्ति दिनांक से निरंतर की गई सेवा का लाभ नहीं मिल रहा है।
अतः माननीय से अनुरोध है कि दि.01.07.2018 से अध्यापक संवर्ग से गठित नवीन शैक्षणिक संवर्ग को शिक्षा विभाग द्वारा प्रदाय 24 वर्ष की क्रमोन्नति/समयमान वेतनमान आदेशों और सेवा पुस्तिका अनुसार ही सेवानिवृत्त/दिवंगत होने पर सेवा उपादान के रूप में मिलने वाली ग्रेच्युटी व पुरानी पेंशन की पात्रता का लाभ म.प्र. के NPS पेंशन योजना में आने वाले सेवानिवृत्त व दिवंगत शिक्षकों के आश्रित परिवारों को भी देने का ऐतिहासिक निर्णय लेकर पीड़ित परिवारों को आर्थिक परेशानियों से मुक्ति देने की कृपा करें।