उज्जैन,‘‘लोक अदालत विवाद के पक्षकारों को समझौते के आधार पर सहज एवं सुलभ न्याय दिलाने का सरल एवं निःशुल्क माध्यम है। लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण से पक्षकारों के समय एवं धन की बचत होती है तथा आपसी भाईचारा एवं सद्भाव भी बना रहता है।’’ उक्त बात शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत के शुभारंभ के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं प्रधान जिला न्यायाधीश श्री राजेश कुमार गुप्ता साहब ने कही। जिला न्यायालय भवन के मुख्य प्रवेश द्वार पर माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष श्री राजेश कुमार गुप्ता साहब के साथ प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय श्रीमती किरण सिंह, मण्डल अभिभाषक संघ अध्यक्ष श्री ओम सारवान के द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। माननीय अध्यक्ष महोदय जिविसेप्रा द्वारा समस्त पीठासीन अधिकारियों को नेशनल लोक अदालत में रखे गए प्रकरणों का अधिक से अधिक संख्या में निराकरण करने संबंधी निर्देश एवं शुभकामनाएॅ दी गयीं।
नेशनल लोक अदालत में सैकड़ो़ं की संख्या में पक्षकारगण, आम नागरिक लाभांवित हुयंे। विशेषकर पारिवारिक प्रकृति के विवादों के साथ-साथ क्लेम, विद्युत चोरी, चेक बाउंस, आपराधिक एवं दीवानी प्रकरणों का काफी संख्या में निराकरण हुआ। पारिवारिक प्रकरणों में अनेक बिछडे़ हुयंे परिवारों को मिलाया गया एवं मोटर दुर्घटना क्लेम प्रकरणों में पीड़ित व्यक्तियों को लाखों रुपए की क्षतिपूर्ति राशि के अवॉर्ड भी पारित हुयें।
पारिवारिक प्रकरणों में अनेक बिछडे़ हुयंे परिवारों को मिलाया गया –
न्यायालय प्रधान न्यायाधीष कुटुम्ब न्यायालय उज्जैन के विविध दाण्डिक प्रकरण क्र. 307/2023 अंतर्गत धारा 125 दण्ड प्रक्रिया संहिता के प्रकरण में पति रहमान खान आयु-66 वर्ष व श्रीमती फातिमा आयु-64 वर्ष, निवासीगण- नलखेड़ा, जिला आगरा/उज्जैन का 50 वर्ष पूर्व विवाह टुट गया था और व वर्ष 2019 से आपसी मतभेद हो जाने से दोनों अलग-अलग रह रहे थे। न्यायालय से पत्नि को छः हजार रूपये प्रतिमाह का भरण-पोषण आदेष हुआ था। मुल प्रकरण के वसूली प्रकरण में उक्त पति-पत्नि का समझौता जिला न्यायाधीष श्रीमती किरण सिंह के द्वारा समझाईष देकर करवाया गया। उक्त प्रकरण का निराकरण लोक अदालत में होकर पति-पत्नि का 50 वर्ष पुराना विवाह टुटने से बच गया वे खुषी-खुषी साथ रहने को तैयार हो गये व लोक अदालत की कार्यवाही से ही खुषी-खुषी अपने घर चले गये। इस अवसर पर पति-पत्नि ने एक-दूसरे को माला पहनाई एवं उक्त स्मृति हेतु उनके छायाचित्र लिये गये। उन्हें फलदार पौधे देकर उनके घर भेजा गया।
इसी प्रकार कुटुम्ब न्यायालय उज्जैन के ही एक अन्य विविध दाण्डिक प्रकरण क्र. 18/2023 में भी पति राहुल जैन, आयु- 38 वर्ष, पत्नि आकांक्षा आयु- 32 वर्ष, निवासीगण- उज्जैन व दुर्ग (छत्तीसगढ़) के मध्य तलाक तक पहुंच चुका मामला उनकी आपसी सहमति व समझाईष देकर लोक अदालत में निराकृत किया गया। पति-पत्नि की आयु अधिक नहीं थी व उनके भविष्य को देखते हुए उनके विवाद का निराकरण भी लोक अदालत में करते हुए प्रकरण समाप्त किया गया। पति-पत्नि ने एक-दूसरे को माला पहनाई व साथ रहने को राजी हो गये।
इस लोक अदालत में परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश श्रीमती किरण सिंह, जिला न्यायाधीशगण श्री संजय श्रीवास्तव, श्री हर्ष भदोरिया, श्री संजय राज ठाकुर, श्री विवेक कुमार चंदेल, श्री कपिल भारद्वाज, श्री अमित गुप्ता, श्रीमती मंजुल पाण्डेय, श्री संतोष सैनी, श्री पवन पटेल, श्री हेमंत सविता, श्री विकास चौहान, श्री अश्विन परमार, श्रीमती सारिका भाटी, श्री राघवेन्द्र पटेल, श्रीमती सोनाक्षी शर्मा, श्री अनुराग शर्मा, सुश्री दीपिका यादव, श्री सीताराम दास, श्रीमती कोमल अन्जना सिंह, श्री अर्पित जैन, सुश्री अर्पूवा मिश्रा, सुश्री सृष्टि पटेल, श्रीमती पूजा भदोरिया, श्रीमती प्रियंका सोेलंकी, सुश्री ज्योति फुस्केले, सुश्री दिव्यानी सिंह, श्री राहुल दिवान, सुश्री पारूल जैन, श्रीमती शुभांगी जैन, मण्डल अभिभाषक संघ उपाध्यक्ष श्री सुरेन्द्र मेहता, सहित अन्य अधिवक्तागण तथा प्राधिकरण के सचिव श्री मनोज कुमार भाटी, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री सागर अग्रवाल, अभियोजन अधिकारीगण, बैंक अधिकारीगण, न्यायालयीन कर्मचारीगण, पेनल लॉयर्स, एलएडीसीएस के अधिवक्तागण, पेरालिगल वांलटीयरस, पक्षकारगण एवं अन्य सम्माननीय अतिथिगण उपस्थित रहें।
समझौता योग्य लंबित एवं प्रीलिटिगेषन प्रकरणों के निराकरण हेतु सम्पूर्ण जिला उज्जैन कुल 54 खण्डपीठों का गठन किया गया था जिनमें जिला मुख्यालय स्तर पर कुल 29 खण्डपीठें गठित की गई थी। नेषनल लोक अदालत का आयोजन जिविसेप्रा उज्जैन के द्वारा जिला मुख्यालय उज्जैन के अलावा तहसील न्यायालय तराना, महिदपुर, बड़नगर, खाचरौद एवं नागदा में भी किया गया। लोक अदालत में कुल 1037 लंबित प्रकरण समझोते के लिए रखे गये जिसमें से 876 प्रकरण का निराकरण हुआ। राशि रूपये 179443340/- पारित की गई। कुल 2074 व्यक्ति लभांवित हुये है। इसी प्रकार कुल 3343 प्रीलिटिगेशन प्रकरण समझोते के लिए रखे गये जिसमें से 3065 प्रकरण का निराकरण हुआ। राशि रूपये 32758200/- पारित की गई। कुल 3075 व्यक्ति लभांवित हुये है। इस प्रकार जिले में कुल 3941 प्रकरणों का निराकरण हुआ। जिसमें कुल 5139 व्यक्ति लाभांवित हुये।