राजसी सवारी, भगवान श्री महाकालेश्वर छ: स्वरूपों में अपने भक्तों को देंगे दर्शन

उज्जैन,श्री महाकालेश्वर भगवान की श्रावण-भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारी के क्रम में षटम सोमवार 18 अगस्त 2025 को सायं 4:00 बजे प्रमुख राजसी सवारी निकाली जाएगी।

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर श्री प्रथम कौशिक ने बताया कि, भाद्रपद माह की दूसरी और अंतिम सवारी 18 अगस्त 2025 को प्रमुख राजसी सवारी के रूप में निकलेगी।

इस दौरान रजत पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर श्री शिवतांडव, नन्दी रथ पर श्री उमा-महेश और डोल रथ पर श्री होल्कर स्टेट के मुखारविंद, व षट्म् सवारी में श्री सप्तधान का मुखारविंद सम्मिलित रहेगा।

भगवान श्री महाकालेश्वर की शाही सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में विधिवत भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर का पूजन-अर्चन होने के पश्चात रजत पालकी में विराजित होकर अपनी प्रजा के हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा पालकी में विराजित भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी जाएगी।

श्री चन्द्रमोलेश्वर जी की पालकी अपने निर्धारित समय सायं 04 बजे श्री महाकालेश्वर मंदिर से प्रारंभ होकर कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षीबाजार चौराहा, कहार वाड़ी, हरसिद्धीपाल से रामघाट पहुचेगी। रामघाट पर पालकी में विराजित भगवान श्री चंद्रमोलीश्वर एवं गजराज पर आरूढ़ श्री मनमहेश के माँ क्षिप्रा के तट पर पूजन-अर्चन व आरती के बाद प्रमुख राजसी सवारी रामानुजकोट, बंबई वाले की धर्मशाला, गणगौर दरवाजा, खाती समाज का श्री जगदीश मंदिर, श्री सत्यनारायण मंदिर, कमरी मार्ग, टंकी चौराहा से तेलीवाडा, कंठाल, सतीमाता मंदिर, छत्री चौक, श्री गोपाल मंदिर पर पहुचेगी।

जहाँ सिंधिया स्टेट द्वारा पररम्परानुसार पालकी में विराजित भगवान श्री चंद्रमोलीश्वर का पूजन किया जायेगा। उसके बाद सवारी पटनी बाज़ार, गुदरी चौराहा, कोट मोहल्ला, महाकाल चौराहा होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में पहुचेगी व सभामंडप में सवारी का विश्राम होगा।

सवारी के दौरान श्रद्धालुओं से अपील की जाती है कि, कृपया सवारी मार्ग में सडक की ओर व्यापारीगण भट्टी चालू न रखें और न ही तेल का कढाव रखें। दर्शना‍र्थी सवारी में उल्टी दिशा में न चलें और सवारी निकलने तक अपने स्थान पर खडे रहें। दर्शनार्थी कृपया गलियों में वाहन न रखें। श्रद्धालु सवारी के दौरान सिक्के, नारियल, केले, फल आदि न फैंकें। सवारी के बीच में प्रसाद और चित्र वितरण न करें। इसके अलावा पालकी के आसपास अनावश्यक संख्या में लोग न रहें।

*श्री महाकालेश्वर भगवान की प्रमुख राजसी सवारी के चल समारोह का स्वरुप इस प्रकार रहेगा*

श्री महाकालेश्वर भगवान की प्रमुख राजसी सवारी के चल समारोह में सबसे आगे श्री महाकालेश्वर मंदिर का प्रचार वाहन चलेगा | उसके बाद यातायात पुलिस, तोपची, भगवान श्री महाकालेश्वर जी का रजत ध्वज, घुडसवार, विशेष सशस्त्र बल सलामी गार्ड, स्काउट / गाइड सदस्य , कांग्रेस सेवा दल , सेवा समिति बैंड के बाद *उज्जैन के अतिरिक्त मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरो से परंपरागत रूप से सवारी सम्मिलित होने वाली 70 भजन मंडलियां चल समारोह में प्रभु का गुणगान करते हुए व अपनी सेवाए देती हुई चलेंगी |*

70 भजन मंडलियों के बाद नगर के साधू-संत व गणमान्य नागरिक, पुलिस बैंड, नगर सेना के सलामी गार्ड की टुकड़ी, श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी व पुरोहितगण सवारी के साथ रहेगे|

उनके बाद *श्री महाकालेश्वर भगवान (श्री चंद्रमोलीश्वर) की प्रमुख पालकी* , भारत बैंड, रथ पर *श्री गरुड़ पर विराजित श्री शिव-तांडव जी,* रमेश बैंड, *नंदी रथ पर श्री उमा महेश स्वरुप,* गणेश बैंड, *रथ पर श्री होल्कर स्टेट मुखारविंद,* आर.के.बैंड , *रथ पर श्री सप्तधान मुखारविंद* के पश्यात राजकमल मुजिकल ग्रुप बैंड, व *श्री मनमहेश स्वरुप हाथी* पर विराजित होंगे |
सवारी के साथ एम्बुलेन्स, विद्दयुत मंडल का वाहन, फायर ब्रिगेड, वन विभाग आदि भी सुरक्षा की दृष्टि से सम्पूर्ण सवारी मार्ग में साथ मे चलेगे | साथ ही सवारी मार्ग ओर अलग-अलग स्थानों पर भी व्यवस्था रहेगी |

*चलित रथ के माध्यम से श्रद्धालु करेंगे दर्शन*

भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी के सुगमतापूर्वक दर्शन के लिये श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति द्वारा चलित रथ की व्यवस्था की गई है। जिसके दोनों ओर एलईडी के माध्यम से सवारी का लाईव प्रसारण किया जाएगा। जिससे श्रद्धालु भगवान के दर्शनो का लाभ सकेंगे। साथ ही उज्जैन के अन्य स्थानों जैसे फ्रीगंज, नानाखेड़ा, दत्तअखाड़ा आदि क्षेत्रों पर भी सवारी के लाइव प्रसारण को देख सकेंगे व भगवान के दर्शनों का लाभ ले सकेगे।

*श्री महाकालेश्वर भगवान की राजसी सवारी में जनजातीय एवं लोक नृत्य कलाकारों के दल सहभागिता करेगे*

मध्यप्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की मंशानुरूप बाबा श्री महाकालेश्वर की सवारी को भव्य स्वरुप देने के लिए 04 जनजातीय कलाकारों के दल श्री महाकालेश्वर भगवान की 18 अगस्त 2025 को भाद्रपद माह की दूसरी व राजसी सवारी में सहभागिता करेगा |

जिसमे श्री लामूलाल धुर्वे अनूपपुर के नेतृत्व में ढुलिया जनजातीय गुदुमबाजा नृत्‍य, भुवनेश्वर से श्री अभिजीत दास नेतृत्व में श्रृंगारी लोक नृत्‍य, श्री सुमित शर्मा एवं साथी हरदा से डण्‍डा लोक नृत्‍य एवं श्री साधूराम धुर्वे बालाघाट के नेतृत्व में बैगा जनजातीय करमा नृत्‍य की प्रस्तुतियां सम्मिलित है |

यह सभी दल श्री महाकालेश्वर भगवान की राजसी सवारी के साथ अपनी प्रस्तुति देते हुए चलेगे | सभी जनजातीय दल संस्कृति विभाग भोपाल, जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद व ‍त्रिवेणी कला एवं पुरातत्वव संग्रहालय के माध्यम से भगवान श्री महाकालेश्वर जी की राजसी सवारी सहभागिता कर रहे है।