प्रभारी मंत्री श्री टेटवाल और जल संसाधन मंत्री श्री सिलावट ने निर्माणाधीन कार्यों का निरीक्षण किया

उज्जैन, सिंहस्थ 2028 के अंतर्गत प्रगतिरत कार्यों एवं परियोजनाओं का निरीक्षण शुक्रवार को जलसंधाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट व प्रभारी मंत्री श्री गौतम टेटवाल, नगर निगम सभापती श्रीमती कलावती यादव,विधायक श्री सतीश मालवीय, श्री संजय अग्रवाल, कलेक्टर श्री रौशन कुमार सिंह के द्वारा किया गया।

निरीक्षण के दौरान जल संसाधन मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि सिंहस्थ 2028 मध्य प्रदेश के लिए एक स्वर्णिम अवसर है। इससे प्रदेश को एक नई अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी, उज्जैन विश्व पटल पर विकास के नए मापदंड के साथ पहचान बनाएगा। कान्ह डक्ट जैसी अद्भुत परियोजना उज्जैन में एक नई मिसाल कायम करेगी। स्वच्छता अभियान के अंतर्गत नदी स्वच्छता अभियान के नए मापदंड हम स्थापित करने जा रहे हैं। जल संसाधन मंत्री श्री तुलसी सिलावट ने अधिकारियों, मजदूरों और कर्मचारियों को कहा, की आपकी यह मेहनत उज्जैन को एक नई पहचान देगी और विकास की नई इबारत लिखेगी। 30 मीटर नीचे बन रही टनल को देखने के लिए प्रभारी मंत्री श्री गौतम टेटवाल जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, विधायक श्री सतीश मालवीय और अन्य अतिथिगण भी टनल में उतरे और टनल के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया, टनल से बाहर निकलने के बाद मंत्री गणों ने भारत माता की जय के नारे भी लगाए और कहा की यह ऐसी अद्भुत परियोजना है जिससे मां क्षिप्रा निर्मल और स्वच्छ होकर बहेगी।

जल संसाधन मंत्री ने कहा कि सिंहस्थ-2028 के लिए जल संसाधन विभाग की 2400 करोड़ रूपए की परियोजनाऐं निर्माणाधीन है। ये सभी कार्य जून 2027 तक पूर्ण कर लियें जायेंगे। मंत्री श्री सिलावट ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि निर्माणाधीन कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। टनल में किसी प्रकार का लिकेज न हों ओर एपॉक्सी केमिकल को जाँच उपरान्त उपयोग किया जाए। पाईप जोड़ने के लिए भी गुणवत्ता का ध्यान रखें।

उल्लेखनीय है कि श्रद्धालुओं की भावनाओं के अनुरूप मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में विभिन्न धार्मिक पर्वों पर, अनुष्ठान के दौरान पर्याप्त स्वच्छ जल उपलब्ध कराये जाने के लिए विभाग द्वारा कान्ह नदी पर कान्ह डायवर्शन क्लोज डक्ट परियोजना संचालित की जा रही है। जिसकी लागत राशि लगभग 919.94 करोड़ रुपए है। परियोजना के अंतर्गत कान्ह नदी के दूषित जल को 18.5 किलोमीटर कट/कवर एवं 12 किलोमीटर टनल निर्माण कर उज्जैन शहर की सीमा के बाहर प्रवाहित किया जाएगा।

साथ ही सिंहस्थ 2028 के आयोजन के दौरान क्षिप्रा नदी को निर्मल अविरल एवं निरंतर प्रवाहमान बनाने के लिए सेवरखेडी सिलारखेडी मध्यम सिंचाई परियोजना के अन्तर्गत लगभग 614.53 करोड रुपए की लागत राशि से कार्य किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत जिले के ग्राम सेवरखेड़ी में क्षिप्रा नदी पर बैराज का निर्माण कर पम्पिंग के माध्यम से सिलारखेडी जलाशय में जल एकत्रित कर आवश्यकता अनुसार क्षिप्रा नदी में प्रवाहित किया जायेगा। इस परियोजना से उज्जैन शहर को पेयजल एवं विभिन्न धार्मिक पर्वों पर श्रद्धालुओं की भावनाओं के अनुरूप निर्मल अविरल जल उपलब्ध कराया जायेगा।

कान्ह क्लोज डक्ट परियोंजना स्थल के निरीक्षण के दौरान जल संसाधन मंत्री श्री सिलावट ने और प्रभारी मंत्री श्री टेटवाल ने मजदूरों का मुंह मीठा कराया और अपने हाथ से मिठाई खिलाई उनसे चर्चा कर पूछा कि यदि कोई समस्या आ रही हो तो बताएं। इस पर मजदूरों ने बताया कि सभी सुरक्षा मानकों के साथ परियोजना में काम कराया जा रहा है, साथ ही वेतन भी समय पर मिल रहा है।

सिंहस्थ 2028 के दौरान अविरल व स्वच्छ क्षिप्रा के जल से होगा स्नान

साथ ही क्षिप्रा नदी पर जल संसाधन विभाग द्वारा 09 बैराज का निर्माण (उज्जैन जिले में 01, इंदौर जिले में 01, एवं देवास जिले में 07 बैराज) एवं नगर निगम उज्जैन द्वारा कालियादेह स्टॉप डेम का मरम्मत कार्य किए जा रहे हैं। इसके साथ ही कान्ह नदी पर 11 बैराजों (उज्जैन जिले में 05 एवं इंदौर जिले में 06) का निर्माण कार्य किया जा रहा है। सभी बैराजों का निर्माण लगभग 84.78 करोड रूपए की लागत से किया जा रहा है।

घाटों के निर्माण के उपरांत 24 घंटे में 05 करोड़ श्रद्धालु कर सकेंगे स्नान

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के द्वारा गुरुवार को भोपाल में आयोजित जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान शिप्रा शुद्धिकरण,नदी एवं जल निकायों के विकास और घाट निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की गई। बैठक के दौरान बताया गया कि वर्तमान में शिप्रा पर लगभग 30 किलोमीटर लंबाई में घाट निर्माण का कार्य किया जा रहा है। यह सभी कार्य समय सीमा में पूर्ण करने का लक्ष्य है। घाटों के निर्माण से सिंहस्थ के दौरान एक दिन में लगभग 05 करोड़ श्रद्धालु स्नान का पुण्य प्राप्त कर सकेंगे। शिप्रा नदी पर बैराज निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की गई। उज्जैन जिले में क्षिप्रा नदी पर श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु दोनों किनारों पर शनि मंदिर से नागदा बायपास तक लगभग 778.91 करोड़ रुपए की लागत से लगभग 30 किलोमीटर के घाट निर्माण कार्य किये जा रहे हैं।