परिष्कृति संस्था की नाट्य प्रस्तुति लोक माता आहिल्या, आज कालिदास संस्कृत अकादमी में शाम 7 बजे

उज्जैन की रंगमंच से जुडी़ संस्था परिष्कृति दिनांक 4 आक्टोबर को लोकमाता अहिल्या नाटक की प्रस्तुति कर रही है । होल्कर वंश को लोकमाता अहिल्याबाई की जन्म त्रिशताब्दी के अवसर पर संस्कृति संचालनालय मध्यप्रदेश शासन के सौजन्य से राजस्थान के प्रख्यात लेखक उमेश कुमार चौरसिया द्वारा रचित और वरिष्ठ रंगकर्मी सतीश दवे द्वारा निर्देशित नाटक लोकमाता अहिल्या का मंचन अभिरंग नाट्यगृह कालिदास संस्कृत अकादमी में शाम 7 बजे होगा । इस कार्यक्रम की में मुख्य अतिथि रहेंगे साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश के निदेशक डा विकास दवे और अध्यक्षता कर रहे हैं सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय के कुलगुरु डा अर्पण भारद्वाज ।
इस नाट्य प्रस्तुति में अहिल्या के दुखमय जीवन के साथ प्रेरणादायक और ममतामयी शासन को दर्शाया गया है । वे किस तरह से अनंत फंदी को श्रंगार से मोड़ कर भक्ति की धारा से जोड़ दिया था । कोमलता के साथ अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति से राघोबा जैसे महान योद्धा को अपनी कूटनीति से बिना युद्ध के ही पराजित करने का साहस करके अहिल्या बाई मराठा शासकों की शीर्षस्थशासक बन गई थीं ।
इस नाटक में अहिल्या की भूमिका निभा रही हैं रौनक शाक्य और डा हेमलता औझा , तुकोजी की भूमिका में रहेंगे सुदर्शन स्वामी , राघोबा (शशिधर नागर) , गंगोबा ( चितेंद्र सिसोदिया ) हरकुँवर बाई (सीमा धुलेकर ) सेवक ( अमित माथुर , गौरव रायकवार , लकी गोयल) शामिल रहेंगे और निमाडी़ गणगौर का लुभावन नृत्य करेंगी केतकी ओझा । नाटक में संगीत दिया है अर्चना आप्टे तिवारी और माधव तिवारी ने। पूरे मंचन का आलोकन कर रहे हैं रौनक वर्मा । साउंड और इवेंट का प्रबंधन करेंगे गौरव दाभाडे़ ।। संस्थाके सचिव सुदर्शन स्वामी ने अपील की है कि अधिक से अधिक संख्या में पधार कर नाटक को सफल बनाएं ।