उज्जैन, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की प्रदेश सरकार के 02 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर शनिवार को प्रभारी मंत्री श्री गौतम टेटवाल ने प्रशासनिक संकुल भवन के सभाकक्ष में स्थानीय प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की।
प्रभारी मंत्री श्री टेटवाल ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कुशल नेतृत्व में अभ्युदय मध्यप्रदेश के विकास और सेवा के 02 वर्ष आज पूर्ण हुए है। आज सभी जिला मुख्यालयों पर जिला विकास सलाहकार समिति की बैठकें आयोजित की गई है। हम सब के लिए यह अत्यंत गौरव और हर्ष का विषय है कि उज्जैन के विकास और सेवा का अवसर हमें प्राप्त हुआ है।
मध्यप्रदेश के इतिहास में वह क्षण अत्यंत महत्वपूर्ण रहा जब उज्जैन के गौरव, जननायक डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इन दो वर्षों में उनकी सरकार ने विकास, सुशासन और जनता के कल्याण को नई दिशा दी है। यह अवधि केवल कार्यकाल नहीं, बल्कि परिवर्तन और गति का युग रही है। मुख्यमंत्री ने “सरल शासन-सुगम शासन” को वास्तविक स्वरूप दिया है।
उज्जैन के लिए पिछले दो वर्ष वास्तव में “विकास का स्वर्णिम अध्याय” साबित हुए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने उज्जैन को केवल धार्मिक पहचान ही नहीं, बल्कि आधुनिक, व्यवस्थित और विश्वस्तरीय शहर बनाने का जो संकल्प लिया है, वह धरातल पर साफ दिखता है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा उज्जैन के लिए दो महत्वपूर्ण परियोजनाएं चलाई जा रही हैं- जिसमें कान्ह डक्ट परियोजना जिसमें 919 करोड़ से कान्ह डायवर्जन एवं क्लोज डक्ट परियोजना है, जो शिप्रा नदी को दूषित जल से मुक्त कर अविरल प्रवाहमान बनाए रखेगी और 614 करोड़ की लागत से सेवरखेडी-सिलारखेड़ी परियोजना जो वर्षभर शिप्रा नदी के पवित्र जल की उपलब्धता को सुनिश्चित करेगी।
म.प्र. शासन द्वारा 778 करोड़ रु की राशि से 29 किमी लंबे घाट निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके साथ ही 9 किलोमीटर लंबे स्थायी घाटों के उन्नयन का कार्य भी चल रहा है, जिसकी अनुमानित लागत 120 करोड़ रुपए है। अनुमान है कि इस व्यवस्था के तहत 24 घंटे में लगभग ढाई करोड श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे।
जल निगम द्वारा नर्मदा-गंभीर समूह जल प्रदाय योजना के अंतर्गत उज्जैन और इंदौर जिले के कुछ भागों को सम्मिलित कर 885 गांवों के लिए 1275 करोड़ रुपए की लागत से जल प्रदाय के तहत क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना में उज्जैन विकासखंड के 131 गांव, घटिटया विकासखंड के 128 गांव, तराना विकासखंड के 206 गांव, बडनगर विकासखंड के 189 गांव, खाचरौद विकासखंड के 176 गांव सम्मिलित किए गए हैं।
उज्जैन जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत 3 लाख 17 हजार 697 हितग्राहियों को प्रति माह मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना का लाभ मिल रहा है।
पीएम सूर्य घर मुक्त बिजली योजना के अंतर्गत संस्था में आईटीआई, इलेक्ट्रिशियन एवं इलेक्ट्रॉनिक व्यवसाय के 91 प्रशिक्षणार्थियों को सोलर रूफ टॉप इंस्टालेशन और मेंटेनेंस का प्रशिक्षण दिया गया। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में कुल 08 प्लेसमेंट ड्राइव आयोजित किए जा चुके है कुल 502 प्रशिक्षणार्थियों का चयन हुआ है। इसमें कई प्रतिष्ठित व होंडा, एलएनटी, सुजुकी, हिन्दुस्तान, यूनिलीवर, हीरो मोटोकोर्प जैसी कंपनियों ने भाग लिया।
उज्जैन शहर में यूनिटी मॉल परियोजना के तहत फूड कोर्ट, मनोरंजन क्षेत्र में 53 वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट स्टार्ट विकसित किए जा रहे हैं।
उद्योगों की स्थापना के लिए विक्रम उद्योगपुरी, मेडिकल डिवाइस पार्क, आईटी पार्क, ताजपुर औद्योगिक क्षेत्र और मक्सी फेज-2 जैसे औद्योगिक परिसर विकसित किए गए हैं। 350 करोड़ की लागत से 773 हेक्टेयर में विकसित विक्रम उद्योगपुरी में 91 भूखंडों का आवंटन किया जा चुका है जिनमें पेप्सिको, अमूल इंडिया, फेना, वाल्वो, आईशर जैसी प्रमुख इकाइयां सम्मिलित हैं।
उज्जैन में 222 करोड़ की लागत से 360 एकड़ में विकसित मेडिकल डिवाइस पार्क में 66 मेडिकल डिवाइस विनिर्माण इकाईयों को जमीन आवंटित की गई है। जिला उज्जैन के औद्योगिक क्षेत्रों में वर्तमान में 777 इकाईयां कार्यरत हैं जिनमें 3555 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है और 8889 व्यक्तियों को रोजगार मिला है।
विक्रमोत्सव के अवसर पर विश्व की पहली वैदिक घड़ी का शुभारंभ किया गया। उज्जैन को चिकित्सा महाविद्यालय विभाग के अंतर्गत मेडिकल टूरिज्म हब बनाने के लिए मेडिसिटी का निर्माण किया जा रहा है। उज्जैन में आकाशवाणी केंद्र का शुभारंभ किया गया है।
5 हजार करोड़ की लागत से उज्जैन-जावरा फोरलेन शीघ्र निर्माण पूरा होगा। वहीं 1692 करोड़ रुपए की लागत से उज्जैन इन्दौर सिक्सलेन का कार्य प्रगतिरत है। सड़क विकास निगम द्वारा 1370 करोड़ रूपये की लागत से इंदौर-उज्जैन वैकल्पिक फोर लेन मार्ग का निर्माण किए जाने हेतु निविदा कार्य प्रक्रियाधीन है। विकास का यह क्रम सन्त समाजजनों के सहयोग से निरन्तर जारी रहेगा।
हाल ही में पीएम श्री धार्मिक पर्यटन हेली सेवा का शुभारंभ किया गया है। जिसके माध्यम से श्रद्धालु कम समय में महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर जैसे तीर्थ स्थानों पर पहुंच सकेंगे।
उज्जैन और इन्दौर संभाग सहित प्रदेश के सभी देव स्थानों व सभी धार्मिक पर्यटन स्थलों का विकास किया जा रहा है। भगवान महाकाल के महालोक का लोकार्पण प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा किया गया। उसके बाद उज्जैन की दशा बदली है। यहां के लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिला है। महाकाल लोक परिसर रुद्र सागर में वाटर स्क्रीन प्रोटेक्शन और फाउंटेन शो का लोकार्पण किया गया है। श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्री अन्न लड्डू प्रसादम का शुभारंभ हुआ, जो मिलेट (श्रीअन्न) रागी से निर्मित होगा।
उज्जैन की सिंचाई क्षमता को 1 लाख 20 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर 4 लाख हेक्टेयर की जाएगी। मध्यप्रदेश में पहले जहां मात्र 5 से 6 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होती थी उसे बढ़कर अब 47 लाख हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। उज्जैन के डोंगला में वेधशाला और तारामंडल की शुरुआत और ऑब्जर्वेटरी की स्थापना की गई है।
मध्यप्रदेश महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास अधिनियम 2025 को स्वीकृति इंदौर, उज्जैन, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर मेट्रोपॉलिटन सिटी बनेंगे। प्रथम चरण में दो मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र, पहला इंदौर-उज्जैन-देवास-धार दूसरा-भोपाल-सीहोर रायसेन विदिशा-ब्यावरा विकसित होंगे।
प्रभारी मंत्री श्री टेटवाल ने इसके पश्चात राज्य सरकार की विगत 02 वर्षों की प्रमुख उपलब्धियों के बारे में बताया कि सरकार द्वारा 1,450 कि.मी. लंबे राम वन गमन पथ का निर्माण किया जा रहा है। जहाँ-जहाँ भगवान श्रीकृष्ण के चरण पड़े, उन स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा। श्रीकृष्ण पाथेय न्यास” का गठन किए जाने की स्वीकृति है।
19 धार्मिक नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शराब दुकानों और बार पर प्रतिबंध लगाया गया है। लोक माता अहिल्याबाई की 300वीं जयंती पर उन्हें समर्पित डाक टिकट और 300 रुपए का सिक्का जारी किया गया है।
भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस का भव्य आयोजन संपूर्ण मध्यप्रदेश में किया गया है। प्रत्येक विकासखंड में विकसित होगा एक वृंदावन गांव, नगरीय निकाय में गीता भवन बनाए जाएंगे।
पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत 32 लाख किसानों को सोलर पंप उपलब्ध कराए गए। अगले तीन वर्षों में किसानों को 30 लाख सोलर पंप उपलब्ध कराकर किसानों को बिजली बिल से मुक्ति दिलाए जाने का लक्ष्य है।
उद्योगों सहित सभी गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे तथा कृषि उपभोक्ताओं को प्रतिदिन 10 घंटे बिजली हमारी सरकार द्वारा प्रदाय की जा रही है। वर्तमान में कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 24108 मेगावाट है, मध्यप्रदेश विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में सरप्लस स्थिति में है। 880 मेगावॉट क्षमता की आगर और नीमच सौर परियोजना प्रारंभ की गई।
इन दो वर्षों ने यह सिद्ध किया है कि डॉ. मोहन यादव जी की नेतृत्व क्षमता, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मार्गदर्शक नीति और सरकार की प्रतिबद्धता ने मध्यप्रदेश को विकास की नई दिशा दी है। हमारी सरकार जनता-प्रथम की भावना से निरंतर कार्य कर रही है और आने वाले समय में यह गति और तेज़ होगी।
इस दौरान सांसद श्री अनिल फिरोजिया, विधायक श्री अनिल जैन कालूहेडा, नगर निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कमला कुंवर, श्री संजय अग्रवाल, कलेक्टर श्री रौशन कुमार सिंह, पुलिस अधिक्षक श्री प्रदीप शर्मा, एडीएम श्री अत्येंद्र सिंह गुर्जर एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।