मानव सेवन के लिये अनुपयुक्त शराब का परिवहन करने वाले आरोपी को 01 वर्ष के कठोर कारावास की सजा एवं 26 हजार रूपये का अर्थदण्ड

उज्जैन , न्यायालय श्रीमान अभिषेक नागराज, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपी इरशाद शाह उर्फ समीर पिता इशाक शाह उर्फ कालू निवासी कार्तिक चौक दयाल गुरू इंजन वाले के सामने उज्जैन को धारा 34(2) म.प्र. आबकारी अधिनियम के अपराध में आरोपी को 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं धारा 49(क) म.प्र. आबकारी अधिनियम के अपराध में 06 माह का सश्रम कारावास एवं कुल- 26,000/- रू0 के अर्थदंड से दंडित किया गया।
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी श्री मुकेश कुमार कुन्हारे ने अभियोजन की घटना अनुसार बताया कि, सहायक उपनिरीक्षक गब्बर सिंह गुर्जर दिनांक 14.10.2011 को थाना महॉकाल में पदस्थ थे। उक्त दिनांक को उन्हें मुखबीर द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि इरशाद उर्फ समीर निवासी कार्तिक चौक का बड़नगर तरफ से बस से दो प्लास्टिक की सफेद कैनों में हाथ की कच्ची शराब बेचने के लिए ला रहा है, जो मुल्लापुरा, चिन्तामण रोड पर भारत गैस गोदाम के पास उतारेगा और वहॉ से अपने घर पर अन्य वाहन से लायेगा। सूचना की तस्दीक हेतु हमराह फोर्स के साथ वह राहगीर पंचान को मुखबिर सूचना से अवगत कराकर मुखबीर द्वारा बताये स्थान पर गये तो भारत गैस के गोदाम के पास मुल्लापुरा तरफ एक व्यक्ति रोड के पास खडा हुआ था तथा पास ही झाडियों में दो सफेद प्लास्टिक की केन दिखी, जो एकदम पुलिस को देखकर भागे, जिनको हमराह फोर्स की मदद से घेरकर पकड़ा। उनसे पूछताछ करने पर उसने अपना नाम इरशाद शाह उर्फ समीर पिता इशाक शाह होना बताया। उससे दोनो प्लास्टिक की सफेद केनों के संबंध में पूछा, तो उसने बताया कि इसमें शराब भरी हुई है। पंचों के समक्ष दोनो केनों को खोलकर देखा और सूंघने पर उसमें हाथ भट्टी की कच्ची शराब प्रत्येक में करीब 30-30 लीटर होना पाई गई। अभियुक्त से शराब बिक्री करने का लायसेंस मांगने पर लाईसंेस का नही होना बताया। अभियुक्त इरशाद के कब्जे से उक्त दोनो प्लास्टिक की सफेद केन जप्ती की तथा प्रत्येक कैन में से 02-02 बोतल शराब जांच के लिए पृथक से निकाली गई तथा उन्हे विधिवत जप्त किया गया एवं इरशाद उर्फ समीर को विधिवत गिरफ्तार किया गया। जप्तशुदा शराब के सैम्पल को जांच हेतु विधि विज्ञान प्रयोगशाल सागर भेजा गया जांच में वह शराब मानव सेवन के लिये अनुपयुक्त होना पाई। आरोपी के विरूद्ध म.प्र. आबकारी अधिनियम में प्रकरण पंजीबद्ध कर आवश्यक अनुसंधान पश्चात् अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में पेश किया। न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दंडित किया गया।

नोटः- प्रकरण का सम्पूर्ण विचारण श्रीमती पल्लवी न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में हुआ था जहॉ से आरोपी को दोषसिद्ध पाकर दोषसिद्धी हेतु मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में प्रकरण में अंतरित किया गया था।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री अमित छारी, एडीपीओ, एवं श्री मुकेश कुमार कुन्हारे, एडीपीओ ने जिला उज्जैन द्वारा पैरवी की गई।