उज्जैन । कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम के द्वारा मंगलवार को प्रशासनिक संकुल भवन के सभाकक्ष में विभिन्न मामलों में जनसुनवाई की गई। ऋषि नगर उज्जैन निवासी डॉ.रणवीर नागर ने आवेदन दिया कि वे बतौर प्रोफेसर जय जवान कॉलेज तराना में कार्यरत थे तथा वे अब सेवा निवृत्त हो चुके हैं। सेवा निवृत्ति के दौरान कॉलेज के अकाउंटेंट के द्वारा उनके पेंशन फण्ड और आयकर की राशि में अनियमित कटौती की गई है। इस पर प्रिंसिपल अग्रणी कॉलेज को प्रकरण की जांच करने के निर्देश दिये गये।
महिदपुर तहसील के ग्राम रूद्रखेड़ा निवासी हरिसिंह ने आवेदन दिया कि गांव में स्थित उनके स्वामित्व की भूमि पर एक अन्य व्यक्ति का नाम त्रुटिवश दर्ज हो गया है। इस पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। इस पर एसडीएम महिदपुर को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
माधोपुरा मक्सी रोड निवासी नन्दराम राठौर ने आवेदन दिया कि उनके स्वामित्व की कृषि भूमि पर एक व्यक्ति द्वारा जबर्दस्ती कब्जा कर लिया गया है तथा उनके द्वारा मना करने पर उनके साथ अनावश्यक वाद-विवाद और लड़ाई-झगड़ा किया गया है। इस पर तहसीलदार उज्जैन ग्रामीण को प्रकरण की जांच करने के निर्देश दिये गये।
प्रीति नगर आगर रोड निवासी बाबूभाई ने आवेदन दिया कि उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है और घर में कोई भी कमाने वाला सदस्य नहीं है। अत: उनका बीपीएल राशन कार्ड बनवाया जाये। इस पर एसडीएम उज्जैन नगर को नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
हीरा मिल की चाल निवासी अनिल मरमट ने आवेदन देकर शिकायत की कि एमपीईबी के द्वारा उनके विद्युत कनेक्शन पर बिना उनकी जानकारी के पंचनामा बनाया गया है, जबकि विद्युत कंपनी के द्वारा न तो उनके यहां कोई निरीक्षण किया गया और न ही उनके परिजनों को इस बारे में कोई जानकारी है। इस पर एसई एमपीईबी को प्रकरण की जांच करने के निर्देश दिये गये।
ग्राम मोजमखेड़ी तहसील उज्जैन निवासी करणसिंह ने आवेदन दिया कि गांव में स्थित उनकी पैतृक कृषि भूमि का बंटवारा कुछ समय पूर्व भाईयों के बीच हुआ था। उनके स्वामित्व की जमीन की पावती उनके भाई के द्वारा अपने कब्जे में कर ली गई है तथा उनके द्वारा रसीद मांगे जाने पर उनके साथ मारपीट और दुर्व्यवहार भाई के द्वारा किया जा रहा है। इस पर पुलिस अधीक्षक को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
ग्राम नागगुराड़िया तहसील झारड़ा के निवासियों ने शिकायत की कि ग्राम के रोजगार सहायक के द्वारा पंचायत का कार्यालय समय पर नहीं खोला जाता है। साथ ही ग्रामीणजनों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। साथ ही गांव की पूर्व सरपंच के द्वारा पंचायत में कोई भी विकास कार्य नहीं करवाया गया और भ्रष्टाचार भी किया गया है। इस पर सम्बन्धित विभाग के अधिकारी को मामले की जांच करने के निर्देश दिये गये।
इसी प्रकार कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत और अन्य अधिकारियों द्वारा विभिन्न मामलों में जनसुनवाई की गई।