विक्रमोत्‍सव 2023 : कुमार विश्‍वास ने भगवान राम के प्रेरक प्रसंगों को वर्तमान से जोड़ा

उज्‍जैन, भारत उत्‍कर्ष, नवजागरण और वृहत्‍तर भारत की सांस्‍कृतिक चेतना पर एकाग्र विक्रमोत्‍सव 2023 (विक्रम सम्‍वत् 2079) के तहत सुख्‍यात कवि-लेखन कुमार विश्‍वास ने मंगलवार को राम कथा अंतर्गत अपने-अपने राम विषय पर भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित प्रेरक प्रसंगों को वर्तमान जीवन शैली से जोड़कर उसकी व्‍याख्‍या की। कुमार विश्‍वास की आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टि व शानदार आध्‍यात्मिक संगीत से भरे इस कार्यक्रम में सबसे ज्‍यादा संख्‍या युवाओं की रही। कुमार विश्‍वास ने बताया कि श्रीराम के माध्‍यम से जीवन प्रबंधन का पाठ सीखा कैसे जा सकता है। कार्यक्रम की शुरूआत राम भजन से की गयी।
इसके पहले डॉ. मोहन यादव, विक्रमोत्स्व 2023 स्थानीय समिति के अध्यक्ष एवं मंत्री उच्च शिक्षा, मप्र शासन, माननीय अनिल फिरो‍जिया, उज्जैन-सांसद, माननीय पारस जैन, पूर्व मंत्री एवं विधायक, माननीय मुकेश टटवाल, महापौर-उज्जैन, माननीय कलावती यादव, अध्यक्ष, नगर निगम, उज्जैन, श्रीराम तिवारी, निदेशक- महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ ने कुमार विश्‍वास का स्‍वागत किया। उच्‍च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने विक्रमोत्‍सव 2023 की जानकारी देते हुए सम्राट विक्रमादित्‍य की विदेशी अक्रांताओं पर विजयी पताका का संदर्भ बताते हुए कार्यक्रम की प्रासंगिता को सामने रखा।
मालूम हो कि राम कथा कार्यक्रम के दूसरे दिन आज शंकर के राम और अंतिम दिन राम के शंकर कार्यक्रम होंगे।

*नाट्य रंग के दूसरे दिन हुआ वासुदेव: सर्वम का मंचन*
नाट्य रंग कार्यक्रम के दूसरे दिन विक्रम कीर्ति मंदिर सभागार में वासुदेव: सर्वम नृत्‍यनाटिका की प्रस्‍तुति हुई। यह नृत्यनाटिका कंसवध के पश्चात् भगवान श्रीकृष्ण एवं श्री बलदाऊ के अवंतिका आगमन और आचार्य सांदीपनि से शिक्षा प्राप्त करने तथा शिक्षा पूर्ण कर गुरु दक्षिणा दिए जाने के प्रसंग पर आधारित है। जिसका उल्लेख श्रीमद्भागवत के दशम स्कन्ध के पेंतालिसवें अध्याय में किया गया है। यह नाटिका श्री कृष्ण की गुरुदक्षिणा के एक ऐसे विषय पर मुख्य रूप से आधारित है जिसकी चर्चा अपेक्षाकृत कम की गई है। नृत्‍यनाटिका की परिकल्‍पना एवं लेखन अभिषेक व्‍यास व कल्‍पेश वाघ द्वारा किया गया है। नृत्‍य निर्देशिका पलक पटवर्द्धन द्वारा किया गया।

*आज होगी राजाभाऊ महाकाल की प्रस्‍तुति*
विक्रम कीर्ति मंदिर सभागार में नाट्य रंग के तीसरे और अंतिम दिन राजाभाऊ महाकाल की प्रस्‍तुति होगी। सतीश दवे निर्देशित यह प्रस्‍तुति गोवा स्‍वतंत्रता संग्राम सेनानी राजाभाऊ महाकाल पर आधारित है। इसकी समय अवधि 1 घंटे 20 मिनट होगी।