उज्जैन, भारत उत्कर्ष, नवजागरण और वृहत्तर भारत की सांस्कृतिक चेतना पर एकाग्र *विक्रमोत्सव 2023 (विक्रम सम्वत् 2079)* अंतर्गत कालिदास अकादमी परिसर में आज *भजनामृत उत्सव* का शुभारंभ शाम 4:00 बजे होगा। इस भजन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने वाली भजन मंडली को 31 हजार रूपये सम्मान निधि के तौर पर दिया जायेगा जबकि द्वितीय को 21 हजार तथा तृतीय स्थान पर आने वाली मंडली को 11 हजार रूपये पुरस्कार राशि दी जायेगी। वहीं प्रतियोगिता में सहभागिता करने वाली प्रत्येक मंडली को 2100 रूपये राशि देकर सम्मानित किया जायेगा।
महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ* द्वारा *रिदम सांस्कृतिक संस्था* के सहयोग से आयोजित यह प्रतियोगिता *कालिदास अकादमी परिसर में 1 से 3 मार्च 2023 तक* चलेगी। *रिदम सांस्कृतिक संस्था* के *कपिल यार्दे* ने बताया कि भजनामृत प्रतियोगिता उज्जैन शहर का एक अनोखा आयोजन है। इस तीन दिवसीय भजनामृत प्रतियोगिता में शहर की 40 से अधिक भजन मंडलियों ने पंजीयन कराया है। इसके साथ ही जिन भजन मंडियों का पंजीयन नहीं हो पाया है उनका रजिस्ट्रेशन 1 मार्च को आयोजन स्थल पर दोपहर 3:00 बजे से 4:00 बजे तक किया जायेगा। 2 मार्च को भजन मंडियों का सेमी फाइनल होगा जबकि 3 मार्च को इस प्रतियोगिता का फाइनल होगा। यार्दे ने बताया कि प्रतियोगिता में भाग लेने वाली मंडली के लिए न्यूनतम 6 सदस्य होना अनिवार्य किया गया है। किसी भी मंडली में शामिल कलाकार दूसरी मंडली में सहभागिता नहीं कर सकेंगे।
*रंग प्रदर्शनी: प्राचीन परंपरा को जान रही हमारी युवा पीढ़ी*
कालिदास अकादमी परिसर में 26 फरवरी 2023 से लगायी गयी *रंग प्रदर्शनी* को देखने शहर के नागरिकों की संख्या बढ़ती जा रही है। प्रदर्शनी में *विक्रमादित्य, भारतीय ऋषि वैज्ञानिक, वृहत्तर भारत का सांस्कृतिक वैभव* तथा *विक्रमकालीन मुद्रा एवं मुद्रांक* को प्रदर्शित किया गया है। युवा पीढ़ी हमारी प्राचीन परंपरा के बारे में जानकारी जुटा रही है। इसके साथ-साथ उनके लिये प्रदर्शनी स्थल एक सेल्फी पाइंट भी बन गया है। प्रदर्शनी को देखने पहुँची डॉ. कीर्ति यादव ने कहा कि प्रदर्शनी बहुत अच्छी है। यह हमारे बच्चों के लिए बहुत उपयोगी है। राजेन्द्र झालाठी कहते है कि यहाँ सनातन प्राचीन परंपरा की अद्भुत जानकारी दी गयी है।