उज्जैन: नगर पालिक निगम महापौर श्री मुकेश टटवाल ने आगामी सिंहस्थ महापर्व को दृष्टिगत रखते हुए सिंहस्थ मेला अधिनियम को और अधिक प्रभावी बनाए जाने, ऐसे क्षेत्र जो सिंहस्थ आयोजन में सम्मिलित नहीं होते हैं किन्तु सिंहस्थ हेतु आरक्षित क्षेत्र अंतर्गत आते हैं उन्हें मुक्त रख इन क्षैत्रों में निर्माण गतिविधियां प्रारंभ करने एवं सिंहस्थ के निर्माण कार्य जैसे मार्ग चौड़ीकरण आदि कार्य अभी से चरणबद्ध प्रारंभ किये जाने के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिख मांग की गई है।
पत्र में महापौर श्री टटवाल ने उल्लेख किया है कि प्राचीन नगरी उज्जैन में प्रत्येक 12 वर्ष में एक बार सिंहस्थ (कुंभ) का मेला क्षिप्रा नदी के तट पर आयोजित होता है। वर्ष 2016 में आपके कुशल नेतृत्व में सिंहस्थ मेले का आयोजन सफलता पूर्वक हुआ था जिसकी चर्चा तथा प्रशंसा समूचे विश्व में हुई थी। सिंहस्थ मेला आयोजन हेतु वर्तमान में मध्यभारत सिंहस्थ मेला अधिनियम 1955 अधिनियमित है। वर्तमान परिदृश्य के अनुसार सिंहस्थ के समय करोड़ों श्रृद्धालुओं का आगमन उज्जैन में होता है। अतः सिंहस्थ हेतु निर्धारित क्षेत्र में भी वृद्धि हुई है तथा व्यवस्थाओं हेतु आवश्यक वित्त, संसाधन एवं मानव संसाधनों में भी वृद्धि हुई है। आगामी सिंहस्थ वर्ष 2028 में माह अप्रेल में आयोजित होना जिसमें अब केवल 5 वर्ष ही शेष रह गये हैं। वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप सिंहस्थ मेला अधिनियम और अधिक प्रभावी होना चाहिए ऐसा मेरा विचार है। साथ ही यह भी अनुरोध है ऐसे क्षेत्र जो सिंहस्थ आयोजन में सम्मिलित नहीं होते हैं किन्तु सिंहस्थ हेतु आरक्षित क्षेत्र अंतर्गत आते हैं उन्हें भी मुक्त रखा जावे ताकि इन क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियाँ प्रारंभ की जा सकें। सिंहस्थ के निर्माण कार्य जैसे मार्ग चौड़ीकरण आदि भी अभी से चरणबद्ध प्रारंभ किया जाना चाहिए।