रामायण और गीता के प्रसंगों को दिव्‍यांग कलाकारों ने अलग अंदाज में किया प्रस्‍तु‍त

उज्‍जैन, भारत उत्‍कर्ष, नवजागरण और वृहत्‍तर भारत की सांस्‍कृतिक चेतना पर एकाग्र विक्रमोत्‍सव 2023 (विक्रम सम्‍वत् 2079) अंतर्गत विक्रम नाट्य समारोह के दूसरे दिन ”रामायण एवं श्रीमदभगवतगीता आन व्‍हील्‍स” का मंचन हुआ। इस प्रस्‍तुति में रामायण, श्रीमदभगवतगीता के प्रसंगों को दिव्‍यांगों ने अपने अलग अंदाज में प्रस्‍तुत किया। इस प्रस्‍तुति में कलाकारों ने बैसाखी और व्हीलचेयर का इस्‍तेमाल कर उन्‍हें भी जीवंत कर दिया। यह रंगमंच के इतिहास में अपने तरह का पहला प्रयोग है। यह एक तरह से नृत्‍य नाटिका के साथ ड्रामा है।
एक घंटे तीस मिनट की इस प्रस्‍तुति का निर्देशन व संगीत बैंगलुरू के सलाउद्दीन पाशा द्वारा किया गया। असिस्‍टेंट डायरेक्‍टर माहिरा जान पाशा, मंच पर कलाकार सय्यद आशिक पाशा, धर्मेन्‍द्र, सुहास, सोनू वर्मा, सचिन, देव राज, अनुषा, हनुमं‍थि, सुकुन्‍द्रा, सुष्मिता व नायरा जान पाशा उपस्थित थे।
निर्देशक सलाउद्दीन पाशा ने कहा कि मैं महाराजा विक्रमादित्‍य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी व मध्‍यप्रदेश सरकार को धन्‍यवाद ज्ञापित करता हूँ कि जिन्‍होंने उन लोगों को मंच देने का काम किया है जिन्‍हें समाज अक्‍सर भूल जाता है। उन्‍होंने बताया कि मंच पर जरूर दिव्‍यांग कलाकारों ने प्रस्‍तुति दी लेकिन उनकी कला में विकलांगता नजर नहीं आयी होगी। आपको उसमें परफॉरमेंस दिखाई दी होगी।
उन्‍होंने बताया कि प्रस्‍तुति में जिन व्‍हीलचेयर्स का इस्‍तेमाल किया गया उन्‍हें विशेष तकनीक से तैयार किया गया है। हमने इन्‍हें डांसिंग व्‍हीलचेयर नाम दिया है। जो खुद निर्जीव होकर सजीव जैसा व्‍यवहार करती है। हमारी टीम को राष्‍ट्रीय व अंतर्राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार प्राप्‍त हो चुके है।

*आज की प्रस्‍तुति ”स्‍कंदगुप्‍त”*
14 से 21 मार्च तक चलने वाले विक्रम नाट्य समारोह के तीसरे दिन 16 मार्च को भोपाल का नाट्य समुह एक रंग द्वारा *”स्‍कंदगुप्‍त”* की प्रस्‍तुति होगी। इस नाटक का निर्देशन जयंत देशमुख ने किया है।