पाठ्यक्रम में सम्राट विक्रमादित्य के कार्यों को शामिल किया जाना चाहिए: पं. मिश्रा

उज्जैन: विश्व विख्यात कथावाचक पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी द्वारा बड़नगर रोड पर विक्रमादित्य शिव महापुराण कथा सुनाई जा रही है। बुधवार को कथा में पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी ने कहां कि विद्यार्थियों को विक्रमादित्य की गौरव गाथा की जानकारी हो इसके लिए पाठ्यक्रम में महाराजा सम्राट विक्रमादित्य के कार्यो को शामिल किया जाना चाहिए।
बुधवार को विक्रमादित्य शिव महापुराण के द्वितीय दिवस में पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी द्वारा महाराजा सग्राट विक्रमादित्य की गौरव गाथा का वर्णन किया। कथा प्रारंभ होने से पूर्व प्रथम सेवक एवं महापौर श्री मुकेश टटवाल, समिति अध्यक्ष श्री प्रकाश शर्मा एवं उपस्थित अतिथियों द्वारा पंडित प्रदीप मिश्रा जी का पुष्पमाला पहनाकर अभिनंदन किया गया तथा व्यासपीठ का पूजन अर्चन किया गया।
पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी द्वारा कथा के दौरान कहां कि दर्पण अपनी बाहर की सुंदरता को बताता है, आपके भीतर की सुंदरता आपके परिवार, आस-पड़ोस में रहने वाले आपकी सुंदरता के साथ-साथ आपके व्यवहार को प्रदर्शित करती हैं। संसार का प्रत्येक व्यक्ति यदि भगवान शंकर को जल अर्पित करना प्रारंभ कर दे तो पृथ्वी भी अपने जल का खजाना खोल देगी और कभी भी जल की कमी इस पृथ्वी पर नहीं हो पाएगी। व्यक्ति को एक रुद्राक्ष और एक तुलसी का मनका धारण करना चाहिए यही सनातन धर्म की परंपरा ह,ै इसलिए अवंतिका नगरी में आने वाले हर एक व्यक्ति को नतमस्तक होना चाहिए।
कथा में पंडिप मिश्रा जी द्वारा विक्रमादित्य के जीवन पर आधारित गौरव गाथा का वर्णन करते हुए कहा कि सम्राट विक्रमादित्य सनातन धर्म की रक्षा के लिए दृढ़ निश्चय एवं दृढ़ संकल्पित रहे। राजा विक्रमादित्य के द्वारा जिस प्रकार सनातन धर्म को बढ़ाया उसकी रक्षा की इसके लिए जितना धन्यवाद, प्रशंसा की जाए वह कम है, आज हमे विद्यालयों में विद्यार्थियों को सनातन धर्म की जानकारी दी जानी चाहिए इसके लिए पुस्तकों में महाराजा सम्राट विक्रमादित्य द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख होना चाहिए।
कथा में पूर्व विधायक श्री राजेन्द्र भारती, अपर आयुक्त श्री आदित्य नागर, उपायुक्त श्री चन्द्रशेखर निगम, समिति सचिव श्री मनोज बगाया, श्री समीर शुक्ला सीहोर वाले, श्री केतन शर्मा, श्री नंदू माहेश्वरी एवं समिति सदस्यगण के साथ बड़ी संख्या में श्रृद्धालु उपस्थित थे।